Tuesday 1 August 2017

विचार ! किशनगंज से जुड़े एमएयू किशनगंज, एम्स आदि परियोजनाओं में निभा सकते हैं मुजाहिद, नौशाद सक्रिय भूमिका

0


ये लेखक के अपने स्वतंत्र विचार हैं, इसे किसी व्यक्ति विशेष या राजनितिक पार्टी से जोड़कर न देखा जाए ! 

मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार के पद से अचानक इस्तीफे और फिर दूसरे दिन ही भाजपा के सहयोग से मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के नाटकीय घटनाक्रम ने बिहार ही नहीं पुरे देश को चौंका दिया ! महागठबंधन का साथ बीच राह में ही छोड़कर भारतीय जनता पार्टी के साथ हाथ मिलाने के नीतीश कुमार के फैसले की कड़ी आलोचना हुई ! वहीँ किशनगंज से जनता दल (यूनाइटेड) का प्रतिनिधित्व कर रहे दो विधायकों श्री मुजाहिद आलम (कोचाधामन विधानसभा) और श्री नौशाद आलम (ठाकुरगंज विधानसभा) की भी सोशल मीडिया एवं अन्य प्लेटफार्मों पर जम कर आलोचना हुई ! किशनगंज के विरोधी पार्टियों के नेताओं के साथ -साथ फेसबुक पर सक्रिय आम लोगों ने यहाँ तक कह दिया कि ये दोनों विधायक पार्टी छोड़ दें क्यूंकि उन्होंने संघ द्वारा संचालित भारतीय जनता पार्टी का समर्थन कर रही है ! राजनीति में अच्छा - बुरा वक्त सबका आता है, इसलिए श्री मुजाहिद आलम और श्री नौशाद आलम ने इन माँगों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं देते हुए पार्टी में बने रहे ! 



खैर इस पुरे नाटकीय और सुनियोजित प्रकरण को लेकर लोगों में जो प्रतिक्रिया थी धीरे - धीरे थमती जा रही है और लोग नीतीश कुमार के फैसले को भूल भी जाएंगे ! लेकिन बिहार की राजनीति के इस अहम पड़ाव में अगर किशनगंज के दो विधायक सरकार में रहते हुए  ज़िले के विकास से जुड़े लंबित परियोजनाओं को पूरा करने में सक्रिय भूमिका निभा सकते है! इस लिस्ट में पहली योजना ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज यानि एम्स (AIIMS) की स्थापना है जिसके लिए पिछले वर्ष ही करीब 200 एकड़ ज़मीन चिंहित करके किशनगंज के डीएम द्वारा राज्य सरकार को अनुशंसा भेजी जा चुकी है ! लेकिन राज्य सरकार और केंद्र सरकार के बीच समन्वय (तालमेल) नहीं होने के कारण किशनगंज में एम्स खुलने का सपना अधूरा ही रह गया ! 

अगर किशनगंज के दोनों विधायक चाहें तो एम्स को किशनगंज में खोलने की माँग मुख्यमंत्री के सामने ज़ोरदार तरीके से रख सकते हैं ! वहीँ किशनगंज में अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) की शाखा भी केंद्र और राज्य सरकार के बीच तालमेल नहीं होने की वजह से परेशानियों की दौड़ से गुज़र रहा है ! एएमयू किशनगंज 2013 में स्थापना के बाद से ही फंड नहीं मिलने से विकास में काफी पिछड़ रहा है ! अगर दोनों विधायक राज्य सरकार के माध्यम से केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय के सामने एएमयू किशनगंज के लिए फंड की माँग रखें तो बहुत बड़ा अनुदान होगा ! इसी तरह महानंदा बेसिन परियोजना के साथ - साथ कई परियोजनाएँ हैं जो राज्य और केंद्र सरकार की सहभागिता से ही तय समय पर पूरी हो सकती है ! 

वहीँ किशनगंज पिछले एक दशक में रेलवे (रेल यातायात) के मामले में भी काफी पिछड़ गया है, खासकर केंद्र में एनडीए की सरकार आने के बाद किशनगंज में रेलवे से सम्बंधित कोई बड़ी घोषणा  नहीं की गई है ! किशनगंज में दिन-ब-दिन लोगों का रेल यातायात पर निर्भरता बढ़ती जा रही है ऐसे में राजधानी पटना के लिए शताब्दी / जनशताब्दी ट्रैन एवं अन्य शहरों के लिए नए ट्रेनों की शुरुवात की माँग रखी का जा सकती है ! अगर श्री मुजाहिद आलम एवं श्री नौशाद आलम किशनगंज से जुड़े इन अहम् मुद्दों पर सरकार का ध्यान आकर्षित करने में सफल होते हैं तो बहुत बड़ी उपलब्धि होगी ! यूँ कहें कि बिहार की इस राजनितिक उठापठक में जिस तरह से इन दोनों जनता दल (यूनाइटेड) के विधायकों की छवि पर प्रश्नचिन्ह लगा है, इन योजनाओं को पूरा करवाके वे मिसाल कायम कर सकते हैं ! 
Author Image
AboutMd Mudassir Alam

Soratemplates is a blogger resources site is a provider of high quality blogger template with premium looking layout and robust design

No comments:

Post a Comment