विकास पुरुष मुख्यमंत्री नीतीश कुमार प्रथम गेट्स वैक्सिन इनोवेशन अवार्ड के दावेदारों में शामिल हो गये हैं. इस अवार्ड के लिए दुनिया भर से छह लोगों का नामांकन गेट्स फ़ाउंडेशन को मिला है, जिनमें मुख्यमंत्री भी है.
विदेश मंत्रालय ने इसको लेकर अनापत्ति प्रमाणपत्र दे दिया है. मुख्यमंत्री ने भी अपनी सहमति जता दी है. यह अवार्ड बिल एंड मिलिंडा गेट्स फ़ाउंडेशन की ओर से दिया जायेगा. अवार्ड पानेवाले को एक करोड़ 33 लाख 50 हजार रुपये मिलेंगे.
इस बात की पुष्टि स्वास्थ्य सचिव सह राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेश संजय कुमार ने की. इस अवार्ड के लिए मुख्यमंत्री के नामित होने के पीछे राज्य में स्वास्थ्य के क्षेत्र में सुधार के लिए उनके द्वारा लगातार की गयी कोशिश है. अब इसका अब परिणाम दिखने लगा है. 2005 में राज्य में बच्चों का संपूर्ण टीकाकरण का प्रतिशत महज 18.6 था, जो 2010-11 में बढ़ कर 66.6 फ़ीसदी हो गया, जो राष्ट्रीय औसत 61 फ़ीसदी के ऊपर है. पूर्ण टीकाकरण का कार्ड 76 फ़ीसदी बच्चों के पास है. इसी तरह खसरा टीकाकरण की शुरुआत दिसंबर, 2010 में की गयी.
पहले चरण में मगध प्रमंडल के पांच जिलों अरवल, औरंगाबाद, गया, जहानाबाद और नवादा में तीन सप्ताह तक अभियान चला कर 27 लाख 42 हजार 120 बच्चों को टीका दिया गया. पोलियो के स पहुंचा शून्य परबिहार पोलियो केस के मामले में राष्ट्रीय स्तर पर दूसरे स्थान पर बना रहता था. पूर्ण टीकाकरण व मुस्कान अभियान चलाने के बाद पोलियो के नये मरीजों की संख्या में तेजी से गिरावट दर्ज की गयी है. वर्ष 2007-503 के सवर्ष 2008-230 के सवर्ष 2009-117 के सवर्ष 2010- 09 के सवर्ष 2011-शून्य शिशु मृत्यु दर में आयी कमी नियमित टीकाकरण का असर शिशु मृत्यु दर पर भी दिखने लगा. 2004 में राज्य की शिशु मृत्यु दर 61 थी. यह वर्षो से स्थिर हो गयी थी. 2006 में इसमें मात्र एक फ़ीसदी गिरावट दर्ज की गयी. 2011 के अंत में यह 48 हो गयी.
वर्ष - शिशु मृत्यु दर२००४ - 61
२००६ - 60
२००७ -०८ - 56
२००९ - 54
२०१० - 52
२०११ - 48
२००६ - 60
२००७ -०८ - 56
२००९ - 54
२०१० - 52
२०११ - 48
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