बिहार के जयादातर जिले बाढ़ से गरसित हैं, इसकी वजह राज्य से गुजरने वाली नदियों में बांध का आभाव होना है! राज्य से बहने वाली प्रमुख नदियाँ महानंदा, कोसी, आदि बरसात के दिनों में तांडव मचाती हैं और आम लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है! कटिहार जिले की बलरामपुर विधानसभा छेत्र में रहने वाले निवासी सालों से नागर नदी के परकोप से जूझ रहे हैं!
बलरामपुर (कटिहार) का शोक जानेवाली नागर नदी से डेग्रपारा, कुची मोड़ और नया टोली गाँव बुरी तरह से ग्रसित हैं! बिहार और पश्चिम बंगाल की सीमा में बसे होने के कारण भी यह सारे गाँव पर्शासन और राज्य सरकार की अनदेखी की शिकार हैं! पिछले हफ्ते बलरामपुर के युवा नेता और लोजपा के पर्त्याशी आदिल हसन आज़ाद ने इस छेत्र की दौरा किया और गाँव वालों से हल चल पूछा!
आदिल हसन ने दूरभास पर बताया की इस नदी के परकोप और बांध से सम्बंधित फाइल पिछले दो वर्षों से ठन्डे बसते में पारी है! इस छेत्र में रहने वाले निवासीयों ने कई बार सम्बंधित अधिकारीयों के समक्ष मदद की गुहार लगाई, लेकिन सारी कोशिशें नाकाम गयी! लोजपा के युवा नेता ने कहा के वोह बिहार सरकार के सिचाई के समक्ष इस मुद्दे को उठाएंगे! गौरतलब है की पिछले हफ्ते दो घर नगर नदी के चपेट में आ गए, और इस तरह की घटना छोटे छोटे अंतराल पर होती रहती है, खासकर बरसात के दिनों में!
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