नई दिल्ली: एएमयू समन्वय समिति (AMUCC - AMU Coordination Committee), बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल से दिल्ली के निवासियों के एक गैर राजनीतिक समूह के जंतर मंतर पर 19 मार्च, 2012 पर कांग्रेस यू पि ए सरकार पर दबाव के लिए एक लोकतांत्रिक प्रदर्शन करने जा रहा है.समूह में काम कर रहे भारत के विभिन्न शहरों सहित वर्तमान में एएमयू, जामिया मिलिया इस्लामिया, जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय, जामिया हमदर्द और दिल्ली विश्वविद्यालय जैसे विश्वविद्यालयों में दाखिला छात्रों और विदेशों में स्थित पेशेवर शामिल है. AMUCC पिछले २ बरसें से लगातार शिक्षा के मंदिर को बनाने हेतु बिहार सरकर , केंद्र सरकार और एएमयू प्रशासन के बीच एक महत्वपूर्ण करी के रूप में काम किया है.
30 दिसंबर, 2011 को समझौता ज्ञापन (समझौता ज्ञापन) बिहार सरकार और किशनगंज में एएमयू प्रशासन के बीच हस्ताक्षर किए गए थे. किशनगंज से वापस आने के बाद एएमयू वी सी प्रोफेसर पीके अब्दुल अजीस (पूर्व कुलपति) ने 4 जनवरी, 2012 को मानव संसाधन विकास मंत्रालय को एक पत्र भेजा है, तत्काल अनुमोदन और किशनगंज में एएमयू के विशेष केंद्र के लिए 50 करोड़.रुपए जारी की जाए . तब से, मानव संसाधन विकास कार्यालय मंत्रालय में संबंधित अधिकारियों ने एएमयू के विशेष केंद्र किशनगंज की फ़ाइल में ध्यान नहीं दिया है. यह स्पष्ट है कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार ने सच्चर समिति की सिफारिशों को विशेष रूप से बिहार में किशनगंज में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के प्रस्तावित केंद्र को लागू करने में रुचि नहीं दिखा रहा है.
लोकतांत्रिक विरोध के लिए विपक्षी दलों से कई विख्यात राजनेताओं सहित करीब 10,000 लोगों ने भाग होने की उम्मीद है, सामाजिक कार्यकर्ताओं और मशहूर हस्तियों उनके नेक काम के लिए संगठित विरोध में शामिल होने की इच्छा दिखाई है. विरोध के बाद, AMUCC के प्रतिनिधियों ज्ञापन के बाद की मांग के साथ मानव संसाधन विकास मंत्रालय और वित्त मंत्रालय को प्रस्तुत करेंगे:
i) एएमयू किशनगंज के लंबित फ़ाइल पर तत्काल कार्रवाई लेने के लिए और यह अंतिम अनुमोदन प्राप्त करने के लिए राष्ट्रपति के कार्यालय के लिए आगे है, इसलिए है कि एएमयू प्रशासन इस साल से अस्थायी शरण में सत्र शुरू कर सकते हैं
ii) रुपये जारी करने के लिए. 2012-13 के केंद्रीय बजट में एएमयू किशनगंज के लिए भूमि की बाड़ लगाने के लिए तत्काल 50 करोड़ कोष जारी किये जाए.
No comments:
Post a Comment