पिछले हफ्ते (30 जुलाई) मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में कैबिनेट की विशेष मीटिंग (बैठक) में बुला कर बिहार राज्य में दो नए विश्वविद्यालयों की स्थापना को हरी झंडी दे दी है! मीटिंग में राज्य सरकार ने पूर्णिया और पटना में दो नए विश्वविद्यालयों की स्थापना पर सहमति दे दी जिनके नाम क्रमशः पूर्णिया विश्वविद्यालय एवं पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय प्रस्तावित किये गए! बिहार सरकार के द्वारा पूर्णिया में विश्वविद्यालय की स्थापना के निर्णय का पूर्णिया प्रमंडल के अंतर्गत आने वाले चार जिलों किशनगंज, कटिहार, अररिया एवं पूर्णिया के लोगों ने स्वागत किया है! वहीं बुद्धजीवी वर्ग इस विश्वविद्यालय को ऐतिहासिक मान रहे हैं क्योंकि आजादी के 70 वर्ष बाद भी अब तक पूर्णिया प्रमंडल यूनिवर्सिटी से वंचित था! लेकिन पूर्णिया विश्वविद्यालय के नाम को लेकर तरह-तरह के सुझाव मिल रहे हैं! कुछ लोग विवि का नाम इस छेत्र के मशहूर लेखक फणीश्वर नाथ रेणु के नाम पर रखने की माँग कर रहे हैं! वहीँ एक बड़ा तबक़ा (समूह) इस विश्वविद्यालय को सीमांचल की भौगोलिक, आर्थिक और सामाजिक पहलुओं को ध्यान में रखकर सीमांचल यूनिवर्सिटी रखने की माँग कर रहे हैं!
बेशक अगर शिक्षा को आधार बनाके हम विश्लेषण करें तो विश्वविद्यालय का प्राथमिक उद्देश्य गुणवत्तापूर्वक शिक्षा प्रदान करना है, इसलिए विश्वविद्यालय का नाम बड़ा मुद्दा नहीं है! लेकिन सीमांचल छेत्र खासकर पूर्णिया प्रमंडल के लोगों की सामाजिक और पारंपरिक सोच को ध्यान में रखा जाए तो विश्वविद्यालय के उचित नामकरण भी एक अहम् पहलु है! इस विश्वविद्यालय की स्थापना में आम लोग अपनी पहचान भी देश और दुनिया में स्थापित करने की चाह रख रहे हैं! दूसरी तरफ पूर्णिया विश्वविद्यालय नामकरण होने पर प्रमंडल के तीन अन्य जिलों किशनगंज, अररिया एवं कटिहार के लोगों में असंतोष की भावना जाग सकती है! इसलिए इस छेत्र को वैश्विक पहचान दिलाने के साथ-साथ सामाजिक और भौगौलिक समन्वय बनाए रखने के लिए विश्वविद्यालय का नाम "सीमांचल यूनिवर्सिटी" एक सराहनीय कदम होगा! इस छेत्र में रहने वाले लाखों लोगों की तरफ से मैं बिहार सरकार ख़ासकर मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार से आग्रह करना चाहूँगा की पूर्णिया में प्रस्तावित विवि का नाम सीमांचल यूनिवर्सिटी रखा जाए!
गौरतलब हो की पूर्णिया प्रमंडल में लंबे समय से विश्वविद्यालय की स्थापना की माँग आम लोगों और राजनीतिक प्रतिनिधियों द्वारा की जा रही थी! आख़िरकार लंबे इंतज़ार के बाद इसी वर्ष 14 जून को मुख्यमंत्री ने स्थानीय माँग पर विश्वविद्यालय की स्थापना की घोषणा की और डेढ़ महीने के अंदर राज्य कैबिनेट ने इस विवि पर मुहर भी लगा दिया! पूर्णिया विश्वविद्यालय में वर्तमान भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय (बीएनएमयू), मधेपुरा के अंतर्गत आने वाले चार जिलों के कॉलेजों का स्थानांतरण किया जायेगा! फ़िलहाल बीएनएमयू से एफिलिएटेड (संबंधित) होने के कारण पूर्णिया प्रमंडल के अंतर्गत स्थित कॉलेजों को सुचारु रूप से कार्य करने में कई तरह की कठिनायों का सामना करना पड़ रहा है! वहीं बीएनएमयू से अंगीभूत कॉलेजों के छात्रों को भी समय-समय पर विभिन्न तरह की कठिनाइयाँ होती हैं जिनमें सत्र की विलंबता, रिजल्ट में देरी आदि प्रमुख हैं!
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