2 अक्टूबर को किशनगंज जिला मुख्यालय से क़रीब 10 किलोमीटर दूर बेलवा के पास स्थित डोंक नदी में नहाने के क्रम में डूबने से फैज़ इरम (उम्र 15 वर्ष) पिता मुज़फ़्फ़रुल इस्लाम लापता हो गए थे! लेकिन बड़े ही दुःख की बात है इस घटना के तीन दिन गुजरने के बाद भी नवीं कक्षा के छात्र फैज़ का कुछ पता नहीं चल पाया है! हालाँकि जिला प्रशासन की अगुवाई में एसडीआरएफ (SDRF) की टीम लगातार फैज़ को ढूंढने में लगी है लेकिन उनके हाथ कोई सफलता नहीं लगी है! वहीँ पीड़ित परिवार के सदस्यों के साथ किशनगंज एसडीएम (SDM) मोहम्मद शफ़ीक़ एवं कोचाधामन विधायक मुजाहिद आलम भी आम लोगों के साथ घटना स्थल पर डंटे हुए हैं ! ताज़ा जानकारी के मुताबिक आज एक गोताखोर को नदी में उतारा गया है और उम्मीद है कि फैज़ को ढूंढने में कामयाबी मिलेगी!
गौरतलब हो की रविवार (2 अक्टूबर, 2016) को फैज़ अपने 6 अन्य दोस्तों के साथ डोंक नदी में नहाने गये थे! नहाने के क्रम में फैज़ अपने अन्य साथी मोहम्मद अयान (16) पिता मसूद (निवासी लाइनपाड़ा) के साथ गहरे पानी में चले गए और संतुलन खोने की वजह से डूब गए! उनके पांच दोस्त सही सलामत नदी से बाहर लौट आए और वापस आकर घरवालों को इस दुःखद घटना की सूचना दी। वहीँ घटना के दूसरे दिन मोहम्मद अयान को गोताखोरों ने ढूंढ निकाला था, लेकिन फैज़ का अब तक कुछ अता-पता नहीं मिला है!
फैज़ और अयान के डूबने की घटना से स्थानीय लोगों ने बालू माफियाओं के गोरखधंधे पर ऊँगली उठानी शुरू कर दिया है! लोगों का कहना है कि प्रशासन के ढीले रवैये से इस नदी में बालू माफिया सक्रीय हैं और नियमों को ताक पर रखकर बालू खनन का कार्य करते हैं! उनका कहना है कि जेसीबी (JCB) मशीन से बालू खनन का काम किया जाता है जिससे नदी में 30 फुट से 50 फुट तक के गड्ढे बन गए हैं जी की नदी में नहाने जाने वाले लोगों के लिए जानलेवा हैं और इसलिए फैज़ और अयान को बेमौत अपनी जान गवाँनीं पड़ी! लोगों की माँग है कि प्रशासन जल्द-से-जल्द अवैध बालू खनन पर रोक लगाए!
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