देश और दूनिया में हिंदी के महान लेखक स्वर्गीय फणीश्वर नाथ रेणु के नाम से मशहूर सीमांचल आगामी 17 - 18 नवंबर, 2016 को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाने जा रहा है! जी हाँ, सीमांचल वासियों और पुरे बिहार के लिए गौरव की बात है कि किशनगंज जिला मुख्यालय स्तिथ इंसान स्कुल के प्रांगण में भव्य स्तर पर एक दो दिवसीय साहित्यक समारोह का आयोजन होने जा रहा है! किशनगंज के लाल और वरिष्ठ लेखक एवं जर्नलिस्ट श्री ज़फर अंजुम द्वारा सिंगापुर में संचालित क़िताब इंटरनेशनल संस्थान सीमांचल इंटरनेशनल लिटरेरी फेस्टिवल (Seemanchal International Literary Festival - SILF) का आयोजन करेगी जिसमें देश और दूनिया के प्रख्यात लेखक एक मंच पर इकठ्ठा होंगे! सीमांचल इंटरनेशनल लिटरेरी फेस्टिवल में भाग लेने वाले प्रमुख वक्ताओं के नाम क्रमशः हैं पि० एन० बालजी (सिंगापुर), ज़िया-उस-सलाम (भारत), मिली ऐश्वर्या (भारत), डॉ० नदीम ज़फर जिलानी (यूनाइटेड किंगडम), शाफे किदवई (भारत), अनन्त (भारत), डॉ० नाज़िया हसन (भारत), डॉ० डेबोट्री धर (यूएसए), रहमान अब्बास (भारत), जयंती शंकर (सिंगापुर), ईसा कामारी (सिंगापुर), रिया मुखर्जी (भारत) एवं आभा आयंगर (भारत) हैं! इनके अलावा भी सीमांचल और भारत के विभिन्न प्रान्तों के साहित्यकार इस अंतरराष्ट्रीय समारोह में शामिल होंगे!
ज्यादा जानकारी देते हुए ज़फर अंजुम ने बताया की इस भव्य समारोह को आयोजित करने में इस इतिहासिक इंसान स्कुल के पूर्वर्ती छात्रों एवं सीमांचल छेत्र के साहित्य प्रेमी लोगों का विशेष योगदान है! उन्होंने कहा की देश के उत्तर - पूर्व में स्थित यह इलाका आर्थिक तौर पर काफी पिछड़ा एवं बहुत ज्यादा ही उपेक्षित है, लेकिन फिर भी सीमांचल में रहने वाले लोग भारत की बहुआयामी संस्कृति का अहम् हिस्सा हैं जिसे यहाँ की बोलचाल, खान-पान एवं धार्मिक आस्था और रीति-रिवाज़ में देखा जा सकता है! श्री अंजुम ने कहा की इस अंतरराष्ट्रीय समारोह के जरिए हम सीमांचल की अनछुए परिदृश्य को देश और दुनिया के सामने प्रस्तुत करना चाहते हैं! उन्होंने बताया कि इस समारोह से सम्बंधित जानकारी www.seemanchallitfest.com वेबसाइट पर उपलब्ध है, वहीँ इच्छुक लोग उन्हें zafaranjum@gmail.com पर ईमेल भी कर सकते हैं! वहीँ सीमांचल इंटरनेशनल लिटरेरी फेस्टिवल में स्पॉन्सरशिप के लिए इच्छुक व्यक्ति, संस्था या कंपनियाँ मोहम्मद खालिद हसन से संपर्क कर सकते हैं - ईमेल khalidjmi@gmail.com.
No comments:
Post a Comment