किशनगंज जिला मुख्यालय में शनिवार को उर्दू ज़ुबान को बढ़ावा देने के लिए एक दिवसीय कार्यशाला (वर्कशॉप) का आयोजन किया गया! जनता दल (यूनाइटेड) पार्टी के वरिष्ठ नेता श्री बुलंद अख्तर हाश्मी ने बताया की वर्कशॉप का आयोजन मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग, बिहार सरकार उर्दू निदेशालय एवं जिला/अनुमंडल कोषांग, किशनगंज द्वारा किया गया था! वर्कशॉप का औपचारिक उद्घाटन किशनगंज के डीएम (जिला पदाधिकारी) श्री पंकज दीक्षित द्वारा दीप प्रज्वलित कर रचना भवन में किया गया, जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री राम जी साह, अपर समाहार्ता,किशनगंज ने किया। इंचार्ज आफिसर उर्दू सेल-सह-अनुमंडल पदाधिकारी जनाब मो० शफीक ने इस कर्यशाला की उपयोगिता पर प्रकाश डाला। जिला पदाधिकारी, उप समारहर्ता जनाब रामाशंकर प्रसाद और शहर के कई बुद्धीजीवी, सभी प्रखणड के उर्दू अनुवादकों ने अपने अपने विचार पेश किए। अंत में अपर समार्हता ने अध्यक्षिय भाषण दिया। इस मौके पर मारवाड़ी कॉलेज के हिंदी के प्राध्यापक प्रोफेसर (डॉ) सजल प्रसाद, उप समार्हता जनाब मनीष प्रसाद,अल्पसंख्यक जिला कल्याण पदाधिकारी जनाब बैधनाथ प्रसाद, काजी-ए-वक्त, ईमारत शरिया, किशनगंज, जनाब अरशद आलम, नाजिम, दारुल उलूम, किशनगंज जनाब मुफ्ती ईजहार आलम, जनाब मास्टर मोगीर,जनाब मुमताज आलम और कई पत्रकार मेरे साथ मौजूद थे। मंच संचालन अलहाज अली रजा गुड्डू ने किया।
इस वर्कशॉप में मौजूद ज़िला प्रशासन के अधिकारीगण, उर्दू के माहिर एवं बुद्धजीवियों ने सरकारी दफ्तरों में उर्दू भाषा के इस्तेमाल पर ज़ोर दिया! डीएम श्री पंकज दीक्षित ने कहा कि उर्दू भाषा आम लोगों की भाषा है जिसे जनता बहुत ही दिलचस्पी के साथ इस्तेमाल करती है! साथ ही साथ उन्होंने कहा कि उर्दू भाषा के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए सबसे पहले लोगों को शिक्षित करने के लिए मुहीम चलाने की आवश्यकता है!
उप कलक्ट्रेट रामाशनकरने भी उर्दू भाषा को जिले के सभी कार्यालयों में पूरी तरह लागु करने का आश्वासन दिया, साथ ही उन्होंने कहा कि उर्दू भाषा में जो मीठा है वह किसी अन्य भाषा में नहीं ! एस डीएम मोहम्मद शफीक ने अपने संबोधन में कहा कि उर्दू भाषा के विशेषज्ञों को हीन भावना से पीड़ित होने की जरूरत नहीं है क्योंकि सरकारी कार्यालयों में उर्दू भाषा के द्वारा लोग अपनी मांगों और अपनी समस्याओं को दर्ज करते हैं! उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि हमारे कार्यालय में उर्दू में लोग आवेदन करते हैं और आवेदन के अनुसार कारवाई भी होती है ! उन्होंने कहा कि हमारे कार्यालयों में अनुवादक भी मौजूद हैं लेकिन बहुत कम आवेदन उर्दू में जमा होता है ! मौलानाइज़हार कासमी ने भी इस कार्यशाला में बड़े ही आकर्षक तरीके से अपने उपयोगी सुझाव पेश किए ! जबकह प्रोफेसर बुलंद अख्तर हाशमी और डॉ सजल प्रसाद ने भी उर्दू को बढ़ावा देने के बारे में अपनी राय पेश की ! साथ ही इस कार्यशाला में जिले के विभिन्न ब्लॉकों के अनुवादकों ने बढ़ावा हुनरमंदी कार्यक्रम पेश किया! वहीँ अन्य विशिष्ट अतिथियों ने अपने सुझाव पेश किए जिसमें डॉक्टर ज़रीफ़ आलम, मास्टर मरगूब आलम, मोलाना मुमताज़ आलम आदि शामिल थे! अंत में इस कार्यशाला अध्यक्षता कर रहे एडीएम रामजी शाह ने धन्यवाद भाषण प्रस्तुत कर कार्यक्रम का समापन किया !
No comments:
Post a Comment