किशनगंज में 23 जनवरी 2017 को नजीब के लिए और नजीब के परिवार के लिए सड़क पर उतर कर सीमांचल किशनगंज के छात्रों ने यह दिखा दिया है कि भले ही सीमांचल के लोग आर्थिक, सामजिक और राजनितिक रूप से परिपुर्ण न हों पर संवेदना और मर्म से वो बिलकुल गरीब नहीं हैं । इंसानियत, मानवता और मानवीय अधिकार व् आदर्शों के जब चिथड़े उधेड़े जा रहे हों , इंसानियत को ताक पर रख कर आपके व्यक्तित्व अथवा एक खास समुदाय को निशाना बनाया जा रहा हो या हक बात बोलने पर निशानदेही करके जब मज़लूम को चुप करने के लिए उसे गायब कर दिया जा रहा हो या मार दिया जा रहा हो तो सीमांचल का पढ़ा लिखा युवा चुप नहीं बैठेगा । ऐसे में जब साम्प्रदायिक जहर का बाज़ार गर्म हो , जब जहर के सौदागर पूरे देश में फैले हों तब बहुत ज़रूरी हो जाता है कि कोई उम्मीद का मसाल लिए आये और मानवता का संदेश दें ।
ऐसी ही एक उम्मीद का मसाल लेकर आये सीमांचल के मूल निवासी वे छात्र जो वर्तमान में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी , अलीगढ़ के विविध संकायों , विभागों व् प्रशाखाओं से उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं । उन छात्रों ने नजीब के लिए किशनगंज में शांति विरोध रैली का आयोजन ' सीमांचल यूथ मूवमेंट ' बैनर गठित करके किया जिसके सभी मुख्य सदस्य एएमयू के ही छात्र हैं ।
एएमयू अलीगढ़ में बीए एलएलबी की पढ़ाई कर रहे छात्र अनवर हुसैन आज़ाद ' सीमांचल यूथ मूवमेंट ' के अध्यक्ष हैं । उन्होंने अपने अलीगढ़ के दोस्तों के साथ मिलकर इस आंदोलन के लिए प्रयास आरंभ किया था । इसमें ज़मीनी स्तर पर अध्यक्ष के अलावा सीमांचल यूथ मूवमेंट के उपाध्यक्ष अमीरुल जैश , सचिव सद्दाम अलीग , महासचिव अकबर अलीग एवं मीडिया प्रभारी सह सदस्य नेहाल अहमद अलीग , जनसंपर्क प्रभारी इक्तेबास गौहर हाशमी व् अन्य मुख्य सदस्यों में नकी , सद्दाम , असलम परवेज़ , फैज़ान , दानिश , इक्तेसाम ने अहम योगदान दिया ।
इस आंदोलन में शहर व ज़िला के तमाम छात्र , युवा व बुद्धिजीवी वर्ग , व्यापारी , दुकानदार , आम जन सहित कई जन प्रतिनिधि भी जुड़े ।
ये विरोध रैली अपने आप में बिलकुल अनोखा था क्योंकि अलीगढ़ के छात्रों ने पूरे किशनगंज छात्र समुदाय को एक धागे में पिरो कर एक मंच पर ले आने का काम किया और पहली बार किशनगंज की ज़मीन पर आम जनमानस सहित जनप्रतिनिधि भी आपसी मतभेद को दरकिनार कर हाथ पकड़ कर छात्रों के साथ सड़क पर पैदल चले । ये सीमांचल के छात्र-राजनीति का बिलकुल अनोखा व नया अध्याय है ।
जहाँ विरोधी खेमों से जदयू विधायक मास्टर मुजाहिद आलम और पूर्व विधायक सह एआईएमआईएम प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान कंधे से कंधा मिलाते हुए जुलुस में शामिल हुए । वहीं वे नजीब के लिए गुमशुदगी को लेकर समान रूप से संजीदा दिखे और केंद्र सरकार की नाकामी , दिल्ली पुलिस की अकर्मण्यता और ढीले रवैय्ये पर जमकर चोट किया एवं एएमयू अलीगढ़ के छात्रों के ज़ोरदार नारों पर तमाम छात्रों ने केंद्र सरकार और नाकाम दिल्ली पुलिस, जेएनयू वीसी , आरएसएस के खिलाफ नारे लगाये ।
नारों में कहा गया कि :
" या तो नजीब आएगा या फिर इंकलाब "
एएमयू अलीगढ़ के छात्रों ने डफली की थाप पर नजीब को ढूंढने के नारे लगाये । पूरी जन सैलाब हाथों में पोस्टर लिए थी जिनमें रोहित रोहित वेमुला और नजीब अहमद के लिए इंसाफ मांगे गए थे । कुछ तख्तियों पर मोदी जी से एक माँ के आंसुओं को पोछने की गुहार थी और नजीब को ढूंढ़ निकालने की गुहार थी एवं कुछ में साम्प्रदायिकता के खिलाफ छीछालेदार थी ।
नारे यूँ भी थे :
" जियो और जीने दो , गरीब को पढ़ने दो "
" शिक्षा का भगवाकरण बंद करो "
" मौलिक अधिकारों का हनन बंद करो "
" विरोध करने का अधिकार हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है "
" वेमुला अब और नहीं
नजीब अब कोई और नहीं "
" केंद्र सरकार जवाब दो
एक माँ को इंसाफ दो "
" मेरी भारत माँ या तो नजीब की माँ है या रोहित की माँ है "
" पढ़ने का हक़ , आगे बढ़ने का हक़ ,
गायब न किये जाने का हक़ " ।
एबीवीपी और उनको बीजेपी का समर्थन देश के अंदर एक डर का माहौल बना रहा है । लोग बोलने में अब डरने लगे हैं , पर किसी को तो बोलना पड़ेगा ही ।
शांतिपूर्ण विरोध रैली किशनगंज के मदरसा अंजुमन इस्लामियां के प्रांगण से निकाली गई जो शहर के मुख्य मार्ग सुभाष्पल्ली, पश्चिमपाली , मिहिउद्दीनपुर , चुरीपट्टी , रमजान पूल , गांधी चौक , डे मार्केट , +2 इंटर हाई स्कूल रेलवे फाटक के ओवर ब्रिज होते हुए समाहरणालय के निकट धरना स्थल तक गई । जहाँ एएमयू अलीगढ़ छात्र सह सीमांचल यूथ मूवमेंट के अध्यक्ष अनवर हुसैन आज़ाद ने पुरे जुलुस को संबोधित कर नजीब के लिए जुलुस में शामिल होकर नजीब के परिवार के दर्द में हिस्सेदार बनने के लिए व नजीब की माँ के आंसुओं को साझा करते हुए सड़क पर उतरने के लिए सभी छात्रों , बुद्धिजीवियों व शिक्षाविदों , जनप्रतिनिधियों व जन साधारण का शुक्रिया अदा किया एवं नजीब के परिवार के साथ मजबूती से बने रहने का अपील किया और नजीब की बरामदगी के लिए महामहिम राष्ट्रपति के नाम सम्बोधित ज्ञापन सभी को पढ़ कर सुनाया ।
ज्ञापन में अलीगढ़ छात्र अनवर हुसैन आज़ाद ने सविधान के प्रति निष्ठा और सम्मान व्यक्त किया । देश के मशीनरी में भरोसा जताते हुए राजनैतिक तंत्र के ठन्डे रवैय्या पर नाराज़गी ज़ाहिर की ।
ज्ञापन में प्रमुख दो मांगे थी :
पहला : किसी भी कीमत पर नजीब की बरामदगी और मामले की सीबीआई जांच ।
दूसरा : देश में नजीब व वेमुला जैसी घटना की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए प्रभावशाली कदम । ताकी देश में सद्भावनापूर्ण बना रहे एवं मानवीय आदर्शों को बल मिले और नफरत का खात्मा हो ।
इस ज्ञापन को सीमांचल यूथ मूवमेंट के सदस्य सह एएमयू अलीगढ़ के छात्रों ने डीएम किशनगंज के कार्यालय पहुंचकर डीएम किशनगंज को सौंपा ।
इस रैली के आयोजन को ज़मीनी स्तर से सफल बनाने में सीमांचल से ताअल्लुक़ रखने वाले वर्तमान में एएमयू अलीगढ़ में अध्यनरत छात्र अनवर हुसैन आज़ाद , नेहाल अहमद अलीग , अमीरुल जैश , सद्दाम अलीग , अकबर अलीग व अन्य अलीगढ़ छात्र का योगदान सराहनीय रहा । एएमयू अलीगढ़ में हिंदी ऑनर्स के छात्र नेहाल अहमद ने सीमांचल यूथ मूवमेंट के मीडिया प्रभारी के रूप में काफी अच्छा योगदान दिया । जिनका कार्य मुख्य रूप से सामग्रियों को सोशल मीडिया पर डालना , लोगों तक जुड़ना और कार्यक्रम की जानकारी देना रही ।
शहर के तमाम युवा वर्ग व शिक्षाविदों का अहम किरदार रहा । जिनमें युवा पत्रकार कॉमीतंज़ीम मो. मनाज़िर अहसन , कॉमितंज़ीम बयूरो चीफ समाजसेवी अल्हाज अली रज़ा सिद्दीकी , तमसिल अहमद , मो. वासिफ , आरफीन नूर , अजहर रहमानी, अहतसाम , स्माइल नबी , जहांगीर भाई ( यूपी ) , कारी मशकूर , परवेज़ आलम गुड्डू , प्रह्लाद सरकार , वसीम रज़ा , वसीउर्रहमान , मासूम रज़ा , इस्तियाक , महताब शामिल है।
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के एलुमिनी छात्र जो सीमांचल से ताअल्लुक़ रखते हैं , उनका भी सीमांचल यूथ मूवमेंट के सदस्यों ने आभार व्यक्त किया है । जो मौजूद रहे उनका भी और जो व्यस्तता के कारण मौजूद न हो पाए उनका भी । सभी ओल्ड बॉयज का नैतिक समर्थन रहा ।
शहर के तमाम मेडियाकर्मीयों व पत्रकारों को उनके रिपोर्टिंग के लिए उनके रिपोर्टिंग के लिए धन्यवाद ।
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