पिछले हफ्ते केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री श्री जे० पी० नड्डा ने मीडिया कर्मियों को संबोधित करते हुए कहा कि बीजेपी (BJP) के नेतृत्व में चल रही एनडीए (NDA) सरकार देश के चार राज्यों बिहार, असम, हिमाचल प्रदेश और तमिल नाडु में अंतराष्ट्रीय स्तर के अस्पताल / स्वास्थ्य संस्थान यानि ऐम्स (AIIMS) स्थापित करने का निर्णय ले चुकी है! उन्होंने अपने बयान में आगे कहा कि लेकिन सरकार के इस महत्वाकांछी परियोजना को तब तक पूरा नहीं किया जा सकता जब तक राज्य सरकारें ऐम्स (AIIMS) की स्थापना के लिए तय मानकों के अनुसार जमीन मुहैया नहीं कराती हैं! श्री नड्डा ने कहा कि चार राज्यों में से किसी राज्य ने अब तक ज़मीन मुहैया नहीं कराई है! हालाँकि असम सरकार ने ऐम्स (AIIMS) के लिए जमीन चिंहित किया है लेकिन राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) से संबंधित कुछ समस्या पैदा हो गई है।
इसी खबर को अगर बिहार के संदर्भ में जोड़ कर देखें तो पिछले वर्ष मई - जून 2016 के दौरान किशनगंज जिला प्रशासन के स्थानीय नेताओं ने ऐम्स (AIIMS) के लिए पाटकोई के पास 200 एकड़ जमीन चिंहित किया था! यही नहीं किशनगंज जिला पदाधिकारी (डीएम) के कार्यालय से दिनांक 4 जून 2016 को बिहार सरकार के स्वास्थ्य विभाग प्रधान सचिव को एक पत्र के माध्यम से ऐम्स (AIIMS) के लिए 200 एकड़ जमीन चिंहित करने की जानकारी देने के साथ - साथ इसकी स्थापना की अनुशंसा की गई थी! इस ख़बर से किशनगंज और पुरे पूर्णिया प्रमंडल के लोगों में काफी उत्साह था और उनमें ये उम्मीद जगी थी कि उन्हें अब अच्छे इलाज़ की सुविधाओं के लिए बड़े शहरों का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा !
लेकिन एक आरटीआई (RTI) के जवाब में अगस्त 2016 के महीने में बिहार सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने ये जानकारी दी थी कि किशनगंज ही क्या बल्कि पुरे बिहार में कहीं भी ऐम्स (AIIMS) की स्थापना के लिए राज्य सरकार ने कोई जमीन चिन्हित नहीं किया है! आरटीआई में मिले जवाब के अनुसार केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार के 10 दिसंबर 2015 को बिहार सरकार को राज्य में एम्स जैसा दूसरा संस्थान खोलने के लिए तीन से चार जगहों को चिंहित करके परामर्श देने के लिए कहा गया था! इस संबंध में क़रीब आठ महीने बाद बिहार सरकार के द्वारा 3 अगस्त, 2016 को लिखे गए जवाब में स्वास्थ विभाग से आग्रह किया है कि केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार स्वयं ही जगह / जिले का चयन करे! पत्र में आगे लिखा गया है कि केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार के जगह / ज़िले के चयन के अनुसार ही बिहार सरकार दूसरे एम्स की स्थापना के लिए आवश्यक मानदंडों के अनुसार जमीन मुहैया करेगी! आरटीआई के माध्यम से प्राप्त पत्र की प्रति में कहीं भी किशनगंज ज़िले में एम्स जैसे संस्थान की स्थापना का जिक्र नहीं थाऔर न राज्य सरकार ने इसकी अनुशंसा की है!
अब केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री श्री जे० पी० नड्डा के पिछले हफ्ते दिए गए बयान से ये साफ़ हो चुका है कि अब तक बिहार सरकार ने ऐम्स (AIIMS) की स्थापना के लिए जमीन मुहैया नहीं करवाई है! गौरतलब हो किशनगंज के पाटकोई गाँव के निकट ऐम्स (AIIMS) के लिए 200 एकड़ जमीन जून 2016 में ही स्थानीय नेताओं ने कर लिया था जिसकी अनुशंसा डीएम ने राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव से की थी!
अब जबकि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री और उनकी सरकार स्वयं ही बिहार में ऐम्स (AIIMS) खोलने के लिए इच्छुक है तो किशनगंज के सांसद एवं चारों विधायक मुख्यमंत्री श्री नितीश कुमार से मुलाकात करके अपनी माँग रख सकते हैं और जमीन स्थानांतरण की प्रक्रिया में तेज़ी लाने के लिए आग्रह कर सकते हैं! यही नहीं क्योंकि चारों विधानसभा छेत्र के विधायक सत्तापक्ष से हैं इसलिए डॉ० जावेद आज़ाद (कांग्रेस - किशनगंज), श्री मुजाहिद आलम (जदयू - कोचाधामन), श्री नौशाद आलम (जदयू - ठाकुरगंज) और श्री तौसीफ आलम (कांग्रेस - बहादुरगंज) बजट सत्र में विधानसभा में मजबूती से इस मुद्दे को उठा सकते हैं और त्वरित कारवाई की माँग कर सकते हैं! अगर स्थानीय नेताओं की पहल से अगर किशनगंज ज़िले में ऐम्स (AIIMS) की स्थापना हो जाती है तो ये एक बहुत बड़ी उपलब्धि होगी और हज़ारों लोगों के लिए खुशियों की सौगात लाएगा!
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