लालकेश्वर, परमेश्वर जैसे भ्रष्ट पदाधिकारी,
युवाओं का भविष्य एवं बिहार की छवि
पिछले एक हफ्ते से बिहार कर्मचारी चयन आयोग (बीएसएससी) के उच्च पदाधिकारियों की काली करतूतों की वज़ह से पूरा बिहार राज्य शर्मशार है और ग़लत कारणों से चर्चा में है! राष्ट्रीय न्यूज़चैनलों एवं अख़बारों के साथ - साथ सोशल मीडिया के माध्यम व्हाट्सएप (WhatsApp), फेसबुक (Facebook) एवं ट्विटर (Twitter) पर बिहार के छवि की किरकिरी हो रही है! एक शिक्षाविद एवं बिहारी होने के नाते मुझे भी काफी दुःख और चिंता हो रही है कि क्यों बार - बार राज्य के शिक्षित युवा एवं नौजवानों के भविष्य के साथ सरकारी तंत्र के कुछ आला अधिकारी / पदाधिकारी पैसे की लालच में खेल रहे हैं! खैर मुद्दे पर वापस आते हैं और बात करते हैं बीएसएससी के पूर्व सचिव परमेश्वर राम कि जिसने पैसे की लालच में इंटरस्तरतीय परीक्षा में सम्मिलित हुए हज़ारों प्रतिभावान नौजवानों की जिंदगी से खिलवाड़ किया! एक उच्च पद पर नियुक्त होकर इस व्यक्ति ने अपने फ़र्ज़ और कुर्सी की गरिमा की परवाह किये बिना इंटरस्तरतीय बीएसएससी परीक्षा को एक मज़ाक बना दिया! ज्ञात हो की इस परीक्षा के लिए आवेदन फॉर्म करीब 2 साल पहले भरे गए थे और परीक्षा के पहले दो चरणों में हज़ारों की संख्या में अभियर्थी सम्मिलित हुए थे! लेकिन परमेश्वर राम और उसकी टीम की काली करतूतों की वजह से हज़ारों परीक्षार्तियों की परवाह किये बिना इन लोगों ने परीक्षा पत्र (Question Paper) लिक करवा दिया! व्हाट्सएप एवं अन्य माध्यमों से लिक प्रश्नपत्रों पर जब परीक्षार्तियों एवं लोगों ने विरोध किया और मीडिया ने भी इस बात को प्रमुखता से कवरेज दिया! लेकिन परमेश्वर राम ने बड़े ही अकड़ू अंदाज़ में इन ख़बरों को निराधार बताया और परीक्षा निरस्त करने की किसी भी संभावना से इंकार किया! खैर जब बात हद से ज्यादा बढ़ गई तो मुख्यमंत्री श्री नितीश कुमार ने बड़ा कदम उठाते हुए स्पेशल इंवेस्टिगेटिंग टीम (SIT) गठित करने की अनुशंसा की और त्वरित करवाई करते हुए टीम ने परमेश्वर राम और उसके करीबी सहयोगी अविनाश कुमार को धरदबोचा! अब मामले से जुड़े कई तार खुल रहे हैं और सरकार ने बीएसएससी इंटरस्तरतीय परीक्षा के चारों चरणों को निरस्त (cancel) कर दिया है और परीक्षाएँ दोबारा आयोजित की जाएँगी!
बेशक़ सरकार ने बीएसएससी इंटरस्तरतीय परीक्षा में हुए कदाचार पर कड़ा रुख अपनाते हुए सचिव परमेश्वर राम और उसके सहयोगियों को हवालात में भेज दिया, लेकिन हमें पिछले साल बिहार स्कुल परीक्षा बोर्ड के अध्यक्ष लालकेश्वर प्रसाद के कारनामों को नहीं भूलना चाहिए! लालकेश्वर उनकी पत्नी उषा सिन्हा और अन्य सहयोगियों की काली करतूतों की वजह से रूबी रॉय जैसी साधारण ज्ञान वाली छात्रा बिहार बोर्ड की टोपर घोषित की गयी थी जो बिहार की शिक्षा व्यवस्था का कला अध्याय है! चाहे बिहार बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष लालकेश्वर प्रसाद हों या बीएसएससी के पूर्व सचिव परमेश्वर राम ऐसे नकारात्मक एवं लालची प्रवृति के बेईमान लोगों ने बिहार की छवि खासकर शिक्षा और प्रशासनिक व्यवस्था पर सवालिया निशान लगाया है? लेकिन इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि भले ही लालकेश्वर एवं परमेश्वर जैसे बेईमान लोग सलाखों के पीछे हों परंतु ऐसे प्रवृति वाले लालची पदाधिकारी अभी भी सरकार के बड़े ओहदों पर काबिज़ हैं! वरना कम-से-कम लालकेश्वर प्रकरण के बाद परमेश्वर जैसे पदाधिकारी पैसे की लालच इतना बड़ा घोटाला करने की हिम्मत नहीं करते और न हज़ारों प्रतिभावान युवाओं के करियर से खिलवाड़ करते! समय की यह मांग है कि सरकार ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों / कर्मचारियों एवं उनके सहयोगियों को चिन्हित करके फ़ौरन कारवाई करे वरना बिहार के युवाओं का भविष्य तो बर्बाद होगा ही इस राज्य की छवि भी धूमिल हो जाएगी!
Parmeshwar Ram, BSSC Parmeshwar Ram Secretary, Arrest Parmeshwar Ram, BSSC Intermediate Examination 2017, Exam Bihar Staff Selection Commission 2017
Parmeshwar Ram, BSSC Parmeshwar Ram Secretary, Arrest Parmeshwar Ram, BSSC Intermediate Examination 2017, Exam Bihar Staff Selection Commission 2017
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