Saturday, 4 March 2017

पूर्व सांसद सैयद शहाबुद्दीन की मौत से किशनगंज के इतिहास का एक पन्ना हमेशा के लिए बंद हो गया

किशनगंज से दो बार सांसद रहे सैयद शहाबुद्दीन का निधन शनिवार सुबह दिल्ली में हो गया ! स्वर्गीय  शहाबुद्दीन  के निधन  के  साथ ही  बिहार  के सीमांचल प्रांत के पूर्णिया कमिश्नरी  से जुड़ा इतिहास का एक पन्ना हमेशा के लिए बंद हो गया ! पूर्व आईएफएस अधिकारी एवं ऑल इण्डिया मुस्लिम मजलिस-ए-मुशवरत के पूर्व प्रेसिडेंट सैयद शहाबुद्दीन 1985 के संसदीय उपचुनाव में किशनगंज से सांसद चुने गए थे ! 



 ज्ञात हो सैयद  शहाबुद्दीन 1985 में  किशनगंज संसदीय क्षेत्र में आयोजित  संसदीय उपचुनाव में जनता पार्टी (गैर कांग्रेसी दल) के टिकट पर  पहली बार सांसद चुने गए।   वर्ष 1989 के लोकसभा चुनाव में आश्चर्यजनक रूप से उनका नामांकन पत्र रद्द हो गया था।, तब, कांग्रेस टिकट पर एम ० जे० अकबर सांसद चुने गए थे।

वर्ष 1991 के संसदीय चुनाव में सैयद शहाबुद्दीन पुनः जनता दल के टिकट पर किशनगंज से चुनाव लडे और एमपी निर्वाचित हुए। उस वक़्त का यादगार वाकिया ये है  सैयद  शहाबुद्दीन  पटना से हेलीकॉप्टर से आए थेनामांकन के अंतिम दिन अंतिम क्षण यानी अपराह्न 3 बजने के ठीक दो मिनट पहले डीएम चैम्बर में प्रवेश कर सके थे।। परंतु, 1996 के लोकसभा चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार रहे सैयद शहाबुद्दीन की जमानत जब्त हो गयी थी और जनता दल के टिकट पर तस्लीमुद्दीन किशनगंज के सांसद निर्वाचित हुए थे। किशनगंज से दो बार सांसद रहे सैयद शहाबुद्दीन  बाबरी मस्जिद आंदोलन के समय सुर्खियों में आए!  

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