बिहार सरकार के भूतपूर्व अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मरहूम शहीद अली खान का गुरुवार (4 जनवरी, 2018) को दिल का दौरा पड़ने से अजमेर में मौत हो गई ! बेशक 54 वर्षीय शहीद अली खान एक कुशल राजनेता के साथ - साथ एक अच्छे इंसान थे इसलिए उनकी मौत से सियासी गलियारों के साथ आम लोग भी काफी ग़मगीन दिखे!
शहीद अली खान अल्पसंख्यक कल्याण, विधि व आईटी मंत्री के रूप में कई महत्वपूर्ण कार्य किए जिसमें बिहार के विभिन्न जिलों में अल्पसंख्यकों के लिए छात्रावास भी हैं ! इसी क्रम में शहीद अली खान के किशनगंज में स्तिथ अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) के लिए भी उनका योगदान भुलाया नहीं जा सकता है ! गौरतलब हो कि एएमयू प्रशासन (कुलपति) की बिहार सरकार से माँगे गए अस्थाई परिसर (temporary building) के आग्रह पर तत्कालीन अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री शहीद अली खान ने त्वरित कारवाई करते हुए हलीम चौक स्तिथ छात्रावास को मुहैया करवाने का आदेश दिया था ! स्वर्गीय शहीद अली खान की पहल पर ही वर्ष 2013 में अल्पसंख्यक छात्रावास के अंतर्गत बिहार सरकार के दो भवनों को एएमयू को अस्थाई तौर पर कामकाज चलाने के लिए दिया गया था ! आज करीब 4 वर्ष गुजरने के बाद भी एएमयू किशनगंज का सेंटर अल्पसंख्यक छात्रावास के भवनों में चल रहा है जिसमें प्रशासनिक कार्यालय के साथ - साथ लेक्चर हॉल्स, छात्रावास और मेस संचालित हैं ! स्वर्गीय शहीद अली खान दुनिया को अलविदा कहके चले गए लेकिन उनके योगदान को सीमांचल के साथ - साथ एएमयू परिवार नहीं भूल सकता ! अगर मुमकिन हो तो एएमयू किशनगंज इन्तज़ामिया को शहीद अली खान को विशेष कार्यक्रम आयोजित करके श्रृद्धांजलि देनी चाहिए !
हम पार्टी के वरिष्ठ नेता पूर्व मंत्री शाहिद अली खान ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पर जियारत के लिए के लिए अजमेरशरीफ गए थे। वहां हृदय गति रुकने के कारण निधन हो गया। शहीद अली खान की असामयिक मौत से बिहार के साथ - साथ पुरे देश में शोक की लहर दौर गई !
ज्ञात हो की शहीद अली खान 1990 में पहली बार सीतामढ़ी से जनता दल के टिकट पर विधायक निर्वाचित हुए थे और उस समय वे बिहार से सबसे कम उम्र के विधायक थे। 2000 में राजद के टिकट पर सीतामढ़ी से चुनाव जीते। 2005 में जदयू के टिकट पर पुपरी और 2010 में सुरसंड से विधायक बने और अल्पसंख्यक कल्याण, विधि व आईटी मंत्री रहे। 2015 में वे चुनाव हार गए और फ़िलहाल वे पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की हम पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष थे !
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