अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी बिहार कैंपस के लिए 100 करोड़ अनुदान की मांग के साथ माननीय केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रीं प्रकाश जावड़ेकर को ह्यूमन चेन ने सौंपा ज्ञापन”
बिहार के उत्तर-पूर्वी सीमावर्ती ज़िले किशनगंज में स्तिथ अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) कैंपस के लिए 100 करोड़ फण्ड (अनुदान) की मांग को लेकर गैर-सरकारी संस्था (एनजीओ) ह्यूमन चेन का एक शिष्टमंडल केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री (एमएचआरडी) श्री प्रकाश जावड़ेकर से नई दिल्ली में मिला ! शिष्टमंडल में ह्यूमन चेन के अध्यक्ष इंजिनियर मोहम्मद असलम एवं एनसीपीयूएल (NCPUL) के निदेशक प्रोफेसर इर्तेज़ा करीम के साथ – साथ संस्था के मोहम्मद तौकीर आलम, नवेद शमशी, नसीम हैदर, मुजाहिद अख्तर, समीर हुमायूँ आदि शामिल थे !
श्री असलम ने अपनी संस्था की तरफ से 100 करोड़ रूपये तुरंत निर्गत करने की मांग के साथ माननीय मंत्री को एक ज्ञापन (मेमोरेंडम) सौंपा ! ज्ञापन में यह कहा गया है कि कांग्रेस के नेतृत्व में चल रही यूपीए – 2 सरकार के दौरान वर्ष 2014 में एएमयू किशनगंज केंद्र को 136.02 करोड़ रुपए निर्गत करने की अनुशंसा की गई थी ! लेकिन उसके पश्चात कोई भी राशी यूपीए – 2 सरकार ने कोई राशी निर्गत नहीं की ! वर्ष मई 2014 में केंद्र में भाजपा के नेतृत्व में गठित एनडीए सरकार ने दिसम्बर 2015 को 10 करोड़ रुपए का अनुदान यूजीसी के माध्यम से एएमयू किशनगंज कैंपस को दिया ! उसके पश्चात करीब ढाई वर्ष गुजरने के बाद भी बिहार स्तिथ एएमयू के केंद्र को कोई अनुदान यूजीसी (केंद्र सरकार) से नहीं प्राप्त हुआ है जिससे कैंपस में पठन – पाठन को सुचारू रूप से चलाने में काफी दिकत्तों का सामना करना पड़ रहा है !
शिष्टमंडल का नेतृत्व करते हुए श्री असलम ने माननीय मंत्री श्री जावड़ेकर से यह आग्रह किया है कि एएमयू किशनगंज केंद्र के लिए कम से कम 100 करोड़ रूपए तवरित रूप से निर्गत की जाए ! बैठक पर संतुष्टि ज़ाहिर करते हुए श्री असलम ने बताया कि माननीय मंत्री ने गंभीरता से शिष्टमंडल की बातों को सुना! श्री जावड़ेकर ने यह आश्वासन दिलाया कि उनका मंत्रालय तथ्यों पर सोच-विचार कर एएमयू किशनगंज केंद्र के लिए आवश्यक कदम उठाएगी और आवश्यकतानुसार अनुदान भी मुहैय्या करवाएगी !
ह्यूमन चेन शिष्टमंडल की माननीय मंत्री से हुई भेंट पर प्रतिक्रिया देते हुए अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के पूर्वर्ती छात्र एवं दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय (सीयूएसबी) के जन संपर्क अधिकारी (पीआरओ) मो० मुदस्सीर आलम ने कहा कि यह एक अच्छी पहल है ! उन्होंने कहा कि सीमांचल छेत्र में शैक्षिक विकास लाने के लिए एएमयू किशनगंज केंद्र एक बहुमूल्य उपहार और बड़ी उम्मीद है ! लेकिन सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक यह केंद्र फण्ड (अनुदान) के अभाव में काफी परेशानी झेल रहा है जिसका व्यापक प्रभाव पठन – पाठन पर पड़ता है ! मुझे यह आशा है कि समुचित विकास की तरफ अग्रसर केंद्र सरकार सीमांचल के लोगों के हितों का ध्यान रखते हुए अनुदान राशी जारी करेगी !
गौरतलब हो एएमयू किशनगंज कैम्पस में वर्ष 2013 से बी० एड (B.Ed.) और वर्ष 2014 से एम० बी० ए (M.B.A.) की पढाई हो रही है! बिहार में उच्च शिक्षा के लिए पिछली केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित परियोजनाओं में एएमयू किशनगंज भी शामिल है जिसकी औपचारिक घोषणा 2009 में की गयी थी, लेकिन पहले कैंपस के लिए बिहार सरकार से 250 एकड़ भूमि मिलने में देरी हुई थी और बाद में केंद्र सरकार से आवश्यक अनुदान मिलने भी काफी विलम्ब हुआ है! हालाँकि 30 दिसंबर 2011 में बिहार सरकार से एएमयू किशनगंज की स्थापना के लिए चकला में 224.02 एकड़ भूमि मिलने के बावजूद फण्ड (अनुदान) को लेकर लोगों में असमंसज की स्तिथि अब तक बनी हुई है ! इसी संबंध में राज्य सरकार एवं केंद्र सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए गैरसरकारी संस्था ह्यूमन चेन पिछले कई वर्षो से लगातार कोशिश कर रही है !
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