ख़बर सीमाँचल के संस्थापक और राजनीतिक टिप्पणीकार के तौर पर मशहूर श्री हसन ज़ावेद ने मंगलवार ( 21 जुलाई 2020 ) को एआईएमआईएम का हाथ थाम लिया |
हसन ज़ावेद ने
एआईएमआईएम (AIMIM) के प्रदेश अध्यक्ष श्री अख्तरुल ईमान और बलरामपुर के विधानसभा प्रत्याशी श्री आदिल हसन आज़ाद की उपस्थिति में पार्टी में शामिल हुए |
हसन ज़ावेद के एआईएमआईएम में शामिल होते ही किशनगंज के
सियासी समीकरण में उथलपुथल हो गया | यूँ कहें कि की ज़िले के सियासी गलियारों में भूचाल आ गया |
एआईएमआईएम के कटटर आलोचक के रूप में जाने वाले हसन ज़ावेद के पार्टी ज्वाइन करते ही उनके खिलाफ सोशल मीडिया ( फेसबुक, व्हाट्सएपल , ट्विटर ) पर ट्रोलिंग एवं आलोचना शुरू हो गई | वहीँ उनके समर्थकों ने दावा करना शुरू कर दिया है कि आगामी विधानसभा चुनाव में बहादुरगंज से उन्हें पार्टी के चुनावचिन्ह पर टिकट मिलेगा | पार्टी की तरफ से हसन जावेद को चुनाव लड़वाने को लेकर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है |
Link of Affidavit of 2015
हसन ज़ावेद का सियासी सफर - समाजसेवी से राजनेता तक
हसन जावेद किशनगंज ज़िले के कोचाधामन थाना अंतर्गत स्तिथ बलिया काशीबाड़ी गाँव के निवासी हैं | उन्होंने दिल्ली स्तिथ जामिया मिल्लिया इस्लामिया से डिप्लोमा इन डेवलपमेंट कम्युनिकेशन और हिंदी मास मीडिया में बीए की डिग्री ली है | पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के कई चैनलों में काम करने के बाद अपने गृह ज़िले किशनगंज का रुख किया | आरटीआई कार्यक्रता के रूप में उन्होंने समाजसेवा की शुरुवात की और कई विभागों के कामकाज़ पर सवाल उठाए | वहीँ उन्होंने
ख़बर सीमाँचल नाम से फेसबुक ग्रुप शुरू किया जिसके 5 लाख के क़रीब सदस्य हैं | समाजसेवा से उन्होंने 2015 में राजनीति में क़दम रखा और उन्होंने झारखण्ड मुक्ति मोर्चा के चुनावचिन्ह पर चुनाव लड़ा लेकिन अपनी ज़मानत नहीं बचा पाए | 2020 में वे
एआईएमआईएम के साथ राजनीति में अपनी किस्मत फिर आजमाएंगे और देखना दिलचस्प होगा कि जनता के उम्मीदों पर वे खड़ा उतरेंगे की नहीं |
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