सुरजापुरी में मुहावरा
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हिंदी में मुहावरे का
अर्थ |
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कलजा खोवा |
किसी से तंग आने पर / उमूमन ज़िद्दी बच्चे को माँ डांटते वक़्त कहती
है |
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एक शीस कौनी गोटा घोरे दौनी |
काम कुछ नहीं, हल्ला ज़्यादा / डंका पीटना |
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कट्ठेय तोरी ढट्ठेय सोन |
कच्ची फसल का खड़ा-सौदा करना बेहतर। |
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छुवा से बेसी छुवार गू भारी |
परवरिश से ज़्यादा लवाज़िमात मुश्किल |
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नाती पुस्ले नतीजा भंगाँ फूटा भतीजा |
अपना,अपना होता है और ग़ैर,ग़ैर
ही |
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बाप बेचे पान बेटा शहरुख खान |
आवारा लड़कों के लिए |
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लंबा गरहोल |
बे ढब लंबा आदमी |
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खोचात मूढ़ी नी फोका बड़का |
घर में कुछ नहीं मगर फरमाइश बहुत/जेब खाली और उड़ान आसमान में |
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