Friday, 6 January 2012

ठाकुरगंज में भटके हाथी ने मचाया उत्पात

ठाकुरगंज : नेपाल के जंगल से भटक कर एक हाथी ने गुरुवार की सुबह से ठाकुरगंज नगर क्षेत्र में उत्पात मचाया. नगर क्षेत्र के चेंगमारी, बालेश्वर फार्म इलाके में आधा दर्जनों घरों को नुकसान पहुंचाये जाने के साथ जंगली हाथी ने किसानों के खेतों में लगी फसल को भी नुकसान पहुंचाया. वहीं हाथी के उत्पात मचाने की खबर पर पहुंची ठाकुरगंज थाना की जीप के साथ-साथ एक मोटर साइकिल को भी उसने क्षतिग्रस्त कर दिया.



हालांकि किसी व्यक्ति के हताहत होने की खबर नहीं है. सनद रहे सीमा पार नेपाल के जंगलों से भटक कर एक हाथी अहले सुबह मेची नदी पार कर भोगडावर गांव होते हुए ग्वाल बस्ती, मेगल के रास्ते नगर पंचायत क्षेत्र में प्रवेश कर गया. दर्जनों घरों को तोड़ा व नगर पंचायत के दक्षिण-पश्चिम छोर पर अवस्थित बालेश्वर फार्म के चाय बागान में चाय के पौधों एवं बड़े वृक्षों को नुकसान पहुंचाया. इस दौरान बड़े संख्या में ग्रामीणों के जुटने पर हाथी भयभीत हो इधर-उधर भागने लगा.

खबर मिलते ही एसडीओ सियाराम सिंह, बीडीओ पीटर मिंज, सीओ मनोज वर्णवाल, ठाकुरगंज थानाध्यक्ष वैदिक पाठक एवं कुर्लीकोर्ट तथा पाठामारी थाना की पुलिस के साथ स्थानीय वन परिसर पदाधिकारी राजेंद्र यादव घटना स्थल पर पहुंच कर लोगों को संयम बरतने की सलाह दी तथा पटाखा फोड़ कर हाथी को सुरक्षित स्थान पर भगाने का प्रयास किया गया.

वहीं एसएसबी जवानों द्वारा भी हाथी को भगाने में पुलिस प्रशासन को सहयोग करता देखा गया. अररिया वन परिक्षेत्र के डीएफओ रणवीर सिंह भी देर शाम ठाकुरगंज पहुंचे तथा विशेषज्ञों की मदद से हाथी को सुरक्षित स्थान पर भेजने का दिशा-निर्देश स्थानीय कर्मियों को दिया.

समीप वर्ती पश्चिम बंगाल के भी वन कर्मियों को स्थानीय प्रशासन ने हाथी को कब्जा में करने के उद्देश्य से बुलाया गया. परंतु देर रात तक हाथी एक सीमित दायरे में बेचैनी के साथ घूमते देखा गया. देर शाम हाथी ठाकुरगंज नगर क्षेत्र में उत्पात मचाते हुए कनकपुर की ओर चला गया. किशनगंज अनुमंडल पदाधिकारी घटना स्थल पर कैंप किये हुए है ने बताया कि हाथी को नियंत्रित करने का प्रयास वन विभाग के कर्मी कर रहे हैं तथा एसएसबी के जवानों द्वारा भी बड़ी सहायता मिली हैं. जल्द ही हाथी को नियंत्रित कर सुरक्षित स्थान पर भेज दिया जायेगा.

डीएफओ रणवीर सिंह कहते है सीमा पार कर भारतीय सीमा में प्रवेश करने वाले ऐसे जानवरों को आग जला कर या पटाखा फोड़ कर सुरक्षित स्थान पर भेजने का दिशा-निर्देश हैं.

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