सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों को अपने मेङिकल प्रवेश परीक्षा कराने की अनुमति देने वाले अध्यादेश को रोकने से मना किया। कोर्ट ने कहा, आधे राज्य अपनी परीक्षायें करवा चुके हैं इसलिए NEET अब उन पर नही थोपा जा सकता। कोर्ट ने कहा नीट निजी कॉलेजों पर लागू होगा। वे अपनी सीटें नीट से भरेंगे। 24 जुलाई को होने वाली नीट परीक्षा होगी। हालांकि कोर्ट ने ये जरूर बयां किया कि केंद्र सरकार को आखिर ये करने की क्या जरूरत थी। इससे भला नहीं होगा।
पूरे देश में एक मेडिकल परीक्षा के माध्यम से डॉक्टरी की पढ़ाई करने के लिए NEET लागू करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले को केंद्र सरकार ने अध्यादेश लाकर इस साल के लिए फिलहाल रोक लगा दी थी। इस अध्यादेश को चुनौती देते हुए एक याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने दुख जताया। कोर्ट ने कहा, केंद्र सरकार को ऐसा करने की क्या जरूरत थी। ये ठीक नहीं हुआ। आपने जो भी किया वह भले के लिए नहीं किया।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 28 मई को ‘नीट’ अध्यादेश पर रोक लगाने और इस पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया था। गौरतलब हो कि नीट अध्यादेश से राज्यों को इस साल मेडिकल के विभिन्न पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए छूट दी गई है। इस पर न्यायमूर्ति पीसी पंत और न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ ने एक याचिका पर कहा था कि मेडिकल के विभिन्न पाठ्यक्रमों के लिए राष्ट्रीय पात्रता प्रवेश परीक्षा (नीट) पर भ्रम उत्पन्न नहीं होना चाहिए और इसकी तैयारी कर रहे छात्रों के लिए स्थिति स्पष्ट रहनी चाहिए। पीठ ने कहा कि यह अध्यादेश केवल एक साल के लिए है और इस मुद्दे पर गर्मियों की छुट्टी के बाद सुनवाई की जाएगी।
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