पिछले दो हफ़्तों तक बाढ़ की मार झेल रहे पूर्णिया प्रमंडल के चार जिलों पूर्णिया, किशनगंज, अररिया एवं कटिहार के लोगों ने नदियों में पानी के घटने से जहाँ थोड़ी राहत महसूस कर रहे थे वहीँ दूसरी तरफ उनके सामने महामारी फैलने की नयी समस्या सामने खड़ी हो गयी है! सीमाँचल के साथ-साथ कोसी छेत्र में बसे लोग भी महामारी के खतरे से भयभीत हैं! इन इलाकों में बाढ़ की वजह से लाखों लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा और जान-व-माल का बड़े स्तर पर नुकसान झेलना पड़ा! इसके साथ-साथ कई सड़के और पुल तथा पुलिये ध्वस्त हो गए हैं जिससे लोगों को आने-जाने में फ़ज़ीहत उठानी पड़ रही है! इन इलाकों में बाढ़ पीड़ितों कि खेतों में लगी फ़सल का नामोनिशान नहीं बचा है और बड़ी संख्या में मवेशियों की जान भी गयी है! हालाँकि पानी का स्तर काफी घट गया है लेकिन चारों तरफ तबाही का मंजर लोगों को रह-रहकर सिहरा रहा है। वहीं बाढ़ का पानी हटते ही चारों ओर फैली बदबू और गंदगी के कारण लोग अपने घरों में लौटने से परहेज कर रहे हैं। इस बीच जिला प्रशासन ने राहत और बचाव के साथ महामारी को रोकने का अभियान तेज कर दिया है। ग्रामीण इलाकों में राहत का सूखा पैकेट पहुंचने लगा है पर यह आम शिकायत है कि पीड़तों की संख्या के हिसाब से पैकेट कम पड़ रहे हैं।
रविवार तक मिले आँकड़ों के मुताबिक बाढ़ से करीब 86 लोगों की मौत हो गयी जिनमें किशनगंज के 7, पूर्णिया में 32, अररिया में 13, कटिहार में 10, सुपौल में 7, सहरसा में 14 एवं मधेपुरा में 3 लोग शामिल हैं! पिछले हफ्ते हवाई सर्वेक्षण के ज़रिए हालात का जायज़ा लेने के बाद मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने प्रभावित जिलों के आला पदाधिकारियों को लोगों को हर संभव सहायता पहुँचाने का निर्देश दिया था! बाढ़ का पानी निकलने के उपरांत बीमारी के प्रकोप की संभावना बढ़ जाती है इसलिए स्वास्थ्य तंत्र को हाई एलर्ट कर आवश्यक दवा की उपलब्धत सुनिश्चित करने की व्यवस्था का निर्देश सीएम ने पूर्णिया में जिला पदाधिकारियों से समीक्षा बैठक में दिया था! साथ-ही-साथ मुख्यमंत्री ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पानी निकलने के उपरांत ब्र्लींचग पाउडर का छिड़काव तथा शुद्ध पेयजल की मुकम्मल व्यवस्था सुनिश्चित करने हेतु हेलोजन टेबलेट पर्याप्त संख्या में वितरित करने का निर्देश दिया था।
किशनगंज में बाढ़ प्रभावित गांवों से नदी का पानी निकल चुका है और राहत शिविर में रह रहे बाढ़ प्रभावित लोग अपने घर लौटने लगे हैं। अररिया में नदियों के जलस्तर में कमी आने के साथ ही बाढ़ग्रस्त क्षेत्र की स्थिति धीरे-धीरे सामान्य होती जा रही है। डीएम हिमांशु शर्मा ने बताया कि डाक्टरों व स्वास्थ्यकर्मियों की छुट्टी रद्द कर दी गई है। उन्हें प्रभावित क्षेत्र में कैंप करने की हिदायत दी गई है। पूर्णिया के बाढ़ग्रस्त इलाकों में स्थिति धीरे-धीरे सामान्य होने लगी है। बैसा प्रखंड के इलाकों में जहां बाढ़ का पानी तीन से चार फीट नीचे उतर गया है वहीं अमौर और बायसी में स्थिति जस की तस है। वहीँ कटिहार में महानंदा के पानी फैलाव का दायरा बढ़ता जा रहा है। रविवार को मनसाही प्रखंड की पंचायतों में डंडखोरा और प्राणपुर प्रखंडों के रास्ते बाढ़ का पानी फैल गया।
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