किशनगंज सांसद मौलाना असरारुल हक़ कासमी ने मंगलवार को लोकसभा (संसद) में अपने संसदीय छेत्र के साथ-साथ पूर्णिया परमंडल के अन्य जिलों में बाढ़ से हुई भारी तबाही के बारे में अपना भाषण दिया! अपने भाषण में सांसद ने बिहार के उत्तरी - पूर्वी इलाकों के आठ जिले किशनगंज, कटिहार, पूर्णिया, अररिया, भागलपुर, सुपौल, दरभंगा और मधेपुरा में पिछले हफ्ते आई बाढ़ से हुई तबाही का ज़िक्र किया! मौलाना असरारुल हक़ ने कहा कि इन आठ जिलों की प्रमुख नदियों जैसे महानंदा, मेची, डोंक, भखरा, कनकई, कोसी और गंगा आदि नदियों में आयी बाढ़ से लगभग 17 लाख की आबादी प्रभावित हुई है और करीब 50 लाख हेक्टेयर में खड़ी फसल बर्बाद हो गयी है!
मौलाना असरारुल हक़ कासमी ने अपने संसदीय क्षेत्र किशनगंज का विशेषरूप से जिक्र करते हुए कहा कि ज़िले में बाढ़ की स्तिथित भयावाह बनी हुई है! आम लोगों का घर, मकान सब कुछ तबाह व बर्बाद हो गया है! सड़कें, पुल और बाँध बह गए हैं और कई मौतें भी हुई हैं! खासकर यहाँ की लाइफ लाइन कही जाने वाली बहादुरगंज - किशनगंज मार्ग पर स्तिथ महानंदा पुल को नुकसान पहुँचा है और एनएच 327 पर स्तिथ पौखाखाली के नज़दीक स्तिथ पुल छतिग्रस्त हो गया है! सांसद ने लोकसभा अध्यक्षा के माध्यम से केंद्र सरकार से किशनगंज के बाढ़ प्रभावित इलाकों को सहायता प्रदान करने का अनुरोध किया! साथ-ही-साथ उन्होंने बाढ़ पीड़ितों के पुर्नवास, टूटी हुई सड़कों की मरम्मत, ज़िलों से बहने वाली नदियों में तटबंध (बाँध) का निर्माण खासकर महानंदा पुल किशनगंज का विकल्प एक नया पुल निर्माण करने का आग्रह अपने 2 मिनट के भाषण के दौरान किया!
गौरतलब हो की पिछले हफ्ते ऑल इंडिया मजलिसे इत्तेहादुल मुस्लेमीन (AIMIM) के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने संसद में सीमांचल के बाढ़ का मुद्दा अपने भाषण में उठाया था और केंद्र सरकार से विशेष सहायता की माँग की थी! ओवैसी के भाषण के बाद किशनगंज के स्थानीय लोग यह उम्मीद कर रहे थे कि स्थानीय नेता भी संसद में बाढ़ का मुद्दा उठाएं! आज मौलाना असरारुल हक़ कासमी के भाषण के बाद बाढ़ पीड़ितों को उम्मीद है कि किशनगंज ज़िले को केंद्र सरकार से विशेष सहायता / पैकेज प्राप्त होगा!
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