Friday, 2 December 2016

केंद्र द्वारा जारी ओबीसी (OBC) लिस्ट में सुरजापुरी नहीं, सांसदों को मुद्दे को उठाने की जरूरत


केंद्र द्वारा जारी ओबीसी (OBC) लिस्ट में सुरजापुरी (SURJAPURI) नहीं! 
पूर्णिया कमिश्नरी के सांसदों को मुद्दे को उठाने की जरूरत !

केंद्र सरकार ने बुधवार (30 नवंबर) को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी - OBC) की केंद्रीय सूची में 15 नई जातियों को शामिल करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी! क्योंकि सरकार ने अब तक जातियों के नामों की लिस्ट सार्वजानिक नहीं किया है इसलिए सुरजापुरी मुस्लिम वर्ग सरकार द्वारा मंजूर अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) में शामिल है कि नहीं इस पर असमंसज बना हुआ है! यह भी एक सच्चाई है कि आरक्षण दिलवाने का मुद्दा पूरा राजनितिक होता है जो स्थानीय नेताओं के पहल के बिना कभी मिल नहीं सकता! अब वक़्त आ गया है कि सुरजापुरी छेत्र के चार संसदीय छेत्र के सांसद एक मंच पर साथ आकर संसद में अपनी बात आंकड़ों के साथ मजबूती से रखें!

प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में 13 अन्य जातियों के बदलाव की भी मंजूरी दे दी गयी। सरकार द्वारा जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि "परिवर्तनों से इन जातियों:समुदायों से आने वाले व्यक्तियों को सरकारी सेवाओं और पदों के साथ ही केंद्रीय शैक्षिक संस्थानों में वर्तमान नीतियों के तहत आरक्षण का लाभ उठाने में मदद मिलेगी। इसके साथ - साथ वे विभिन्न उन कल्याणकारी योजनाओं, छात्रवृत्ति आदि के लाभ के लिए योग्य बनेंगे जो केंद्र सरकार द्वारा शासित हैं, जो वर्तमान में अन्य पिछड़ा वर्ग के व्यक्तियों को मुहैया हैं।"
ज्ञात हो कि नेशनल कमीशन ऑफ बैकवर्ड क्लासेज (एनसीबीसी) ने असम (Assam), बिहार (Bihar), हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh), झारखंड (Jharkhand), महाराष्ट्र (Maharashtra), मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh), जम्मू-कश्मीर (Jammu & Kashmir) और उत्तराखंड (Uttarakhand) में 28 बदलावों की सिफारिश की थी। एनसीबीसी ने सुरजापुरी मुस्लिम के साथ - साथ केंद्र सरकार के समक्ष बिहार के करीब 2 दर्ज़न जातियों को अन्य पिछड़ा वर्ग में शामिल करने की शिफारिश की थी जो क्रमशः हैं: बाथम वैश्य (Batham Vaishya), बागती (बागछी) / बागड़ी (Bagti(Bagchi)/ Bagdi), भाट (मुस्लिम) Bhat (Muslim), बियहूट कल्वर (Biahut Kalwar), छिप्पी (Chhippi), दोनवार (Donwar), फ़क़ीर / दीवान / मदार - मुस्लिम (Fakir/ Diwan/Madar (Muslim), गोलदार (Goldar), गोरा, घोसी मेहर (Gora, Ghosi, Mehar), गोरही (छबि) Gorhi (Chhabi), गोसाइन (Gossain), इताफ़ारोश (Itfarosh/ Itafarosh), गधेरी / इत्पाज / इब्राहीमी - मुस्लिम (Gadheri/ Itpaj/ Ibrahimi (Muslim), जादुपेटिया जोगी (जुगी) JadupatiaJogi (Jugi), लक्ष्मी नारायण गोला (Lakshmi Narain Gola), मदराई मुस्लिम Madarai( Muslim), मलिक मुस्लिम (Malik - Muslim), मोडॉक / मायरा (Modak/ Maira), मोरियारी (Moriyari), पार्थ (Partha), सैंथवार (Sainthwar), समारी वैश्य (Samari Vaishya) और सूत्रधार (Sutradhar)I 
अब ऊपर दी गयी लंबी लिस्ट को देखकर यह कहना कि सुरजापुरी मुस्लिम को आरक्षण मिला है या नहीं? लेकिन पिछले अनुभव और सुरजापुरी मुस्लिम आरक्षण के मुद्दे की दशा देखके बिलकुल कहा जा सकता केंद्र सरकार द्वारा स्वीकृत 15 जातियों में इस बार भी इसको शामिल नहीं किया होगा! गौरतलब हो कि बिहार के पूर्णिया कमिश्नरी के चार जिलों किशनगंज, पूर्णिया, कटिहार और अररिया में छेत्रिय भाषा सुरजापुरी के आधार पर लोगों को सुरजापुरी कहा जाता है! बिहार राज्य के अन्य जिलों और देश के मुक़ाबले सुरजापुरी मुस्लिम की आर्थिक स्थिति दयनीय है! हालाँकि बिहार सरकार ने लंबे संघर्ष और छेत्र के लोगों की लगातार माँग के बाद सुरजापुरी मुस्लिम को  पिछड़ा वर्ग - बीसी (Backward Caste) का दर्जा प्रदान किया जिसमें सिमित लाभ प्राप्त हुआ है! लेकिन सुरजापुरी समाज को व्यापक लाभ खासकर सरकारी नौकरियों के लिए केंद्र सरकार से अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) का दर्जा मिलना आवश्यक है! यहाँ ये भी बताना जरुरी है कि सुरजापुरी समाज इसके लिए काफी लंबे समय से संघर्ष कर रहा है! करीब तीन दशकों से सुरजापुरी डेवलपमेंट  ऑर्गेनाइज़ेशन (SDO) नामी गैरसरकारी संस्थान आरक्षण के मुद्दे को लेकर विभिन्न तरीके से अपनी माँग को रखते आ रही है! उसी का नतीजा है कि सुरजापुरी मुस्लिम को बिहार सरकार ने आरक्षण को मंजूरी दी, लेकिन केंद्र में इस मुद्दे को मजबूती से नहीं रखा गया है! अगर हालात ऐसे ही रहे तो सुरजापुरी मुस्लिम को केंद्र से ओबीसी का दर्ज़ा मिलना एक सपना ही बनकर रह जायेगा! 
यह भी एक सच्चाई है कि आरक्षण दिलवाने का मुद्दा पूरा राजनितिक होता है जो स्थानीय नेताओं के पहल के बिना कभी मिल नहीं सकता! अब वक़्त आ गया है कि सुरजापुरी छेत्र के चार संसदीय छेत्र के सांसद एक मंच पर साथ आकर संसद में अपनी बात आंकड़ों के साथ मजबूती से रखें! अंत में मैं सुरजापुरी समाज की तरफ से मैं किशनगंज के सांसद मौलाना असरारुल हक़, अररिया के सांसद श्री मोहम्मद तस्लीमुद्दीन, कटिहार के सांसद श्री तारिक अनवर एवं पूर्णिया के सांसद श्री संतोष कुमार से आग्रह करना चाहूँगा कि वे इस मुद्दे पर एक जुट होकर संघर्ष करें इससे लाखों लोगों को फायदा पहुंचेगा और आने वाली पीढ़ी हमेशा आप लोगों को याद रखेगी! 

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