Tuesday, 12 February 2019

AIIMS at Kishanganj ! फिर एक उम्मीद अभी भी किशनगंज में खुल सकता है AIIMS (एम्स)


फिर एक उम्मीद, अभी भी किशनगंज में खुल सकता है AIIMS (एम्स)

कुछ दिनों पहले तक लगभग यह तय हो गया था कि बिहार राज्य में दूसरा AIIMS (एम्स) दरभंगा में होगा ! राज्य सरकार ने दरभंगा मेडिकल कॉलेज एन्ड हॉस्पिटल को एम्स बनाने की अनुशंसा की थी ! इस खबर के बाद सीमाँचल खासकर किशनगंज ज़िले के लोगों को काफी मायूसी हुई थी ! लेकिन अब एक बार फिर किशनगंज में बिहार के दूसरे AIIMS (एम्स) की स्थापना की उम्मीदें जाग उठी हैं ! अगर स्थानीय विधायक एवं पूर्णिया अनुमंडल के सांसद केंद्र सरकार से बिहार सरकार के माध्यम से किशनगंज में AIIMS (एम्स) की माँग को मजबूती से रखेंगे तो यह सपना साकार भी सकता है ! ज्ञात हो कि करीब तीन वर्ष पूर्व किशनगंज जिला में पाटकोई के नजदीक पूर्व सांसद स्वर्गीय मौलाना असरारुल हक़ और कोचाधामन विधायक मुजाहिद आलम ने करीब 200 एकड़ ज़मीन चिन्हित कर जिला प्रशासन (डीएम) के माध्यम से राज्य सरकार से AIIMS (एम्स) खुलवाने की सिफारिश की थी !


गौरतलब हो की वित्त वर्ष-2015-16 में केन्द्र ने बिहार में एक और एम्स बनाने की घोषणा की थी। करीब तीन वर्ष बीतने के बाद भी जगह तय नहीं हो पाई है। केन्द्र की ओर से कई बार चिट्‌टी लिखने के बाद भी राज्य की ओर से पहले कहा गया कि आप खुद जगह तय कर लें। लेकिन केन्द्र ने मना किया तब राज्य सरकार की ओर से डीएमसीएच को ही एम्स में कनवर्ट करने को कहा गया। एम्स के लिए 200 एकड़ भूमि की जरूरत होती है।  
पिछले साल राज्य सरकार की ओर से दरभंगा मेडिकल कॉलेज अस्पताल (डीएमसीएच) में एम्स बनाने की सिफारिश को केन्द्र सरकार ने नामंजूर कर दिया है। केन्द्र ने स्पष्ट कहा है कि डीएमसीएच परिसर को एम्स के तौर पर विकसित करना मुश्किल है। लिहाजा, एम्स के लिए दरभंगा में ही कोई और जगह या किसी अन्य शहर में कोई जगह बताएं। केंद्र के इस फैसले की जानकारी केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री जेपी नड्‌डा ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लिखित तौर पर दे दी । 
जानिए क्या - क्या खामियाँ हैं दरभंगा मेडिकल कॉलेज में ?
 टेक्निकल टीम की रिपोर्ट - राज्य सरकार के आग्रह पर डीएमसीएच में केन्द्र से एक टेक्निकल टीम भेजी गई थी, टेक्निकल टीम की रिपोर्ट के अनुसार डीएमसीएच में एम्स शुरू नहीं हो सकता।
सबसे बड़ी रुकावट - 
1. डीएमसीएच निचले इलाके में स्थित है, जिससे बाढ़ और बरसात के दिनों में दिक्कत होगी। डीएमसीएच चार ब्लॉक में बंटा है और कैंपस के बीच से ही पब्लिक रोड गुजर रही है।
2. कॉलेज का एक हिस्सा रेलवे लाइन की दूसरी ओर है। ऐसे में पब्लिक रोड को डायवर्ट करना और रेलवे लाइन की दूसरी ओर की भूमि को ओवर ब्रिज से जोड़ना होगा। लेकिन, यह पूरा इलाका हेरिटेज है। लिहाजा, यहां की बिल्डिंग को तोड़ना मुश्किल है।
3. डीएमसीएच कैंपस में अतिक्रमण इतना ज्यादा है कि उसे हटाने में ही बहुत समय लग जाएगा। यहां की करीब-करीब सभी ब्लॉक एम्स के मानक के अनुरूप नहीं हैं। ऐसे में इन्हें तोड़कर नए सिरे से बनाना होगा, जो आसान नहीं है।
4. हॉस्पिटल, हॉस्टल, बैंक, पोस्ट ऑफिस और पुलिस पोस्ट सबको शिफ्ट करना भी कठिन है। यहां के डाॅक्टर्स और स्टाफ को भी शिफ्ट करना मुश्किल है। इन कमियों को पूरा करने में बहुत वक्त लगेगा।

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