Friday 25 June 2021

किशनगंज के लाल प्रोफेसर मो० अफसार आलम बने जामिया हमदर्द के वॉइस-चांसलर, एक नज़र उनके सफर पर

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 किशनगंज के लाल प्रोफेसर मो० अफसार आलम बने जामिया हमदर्द के वॉइस-चांसलर, एक नज़र उनके सफर पर 


देश के सबसे पिछड़े ज़िलों (इलाक़ों) में गिने जाने वाले बिहार का किशनगंज ज़िला समय - समय पर नए - नए कृतिमान (रिकॉर्ड) बनाता रहता है | ऐसा ही एक खास कारनामा किशनगंज के लाल प्रोफेसर मो० अफसार आलम ने कर दिखाया है | किशनगंज ज़िले के एक छोटे से गाँव ग्योरामोनी के निवासी प्रोफेसर  मो० अफसार आलम देश के नंबर वन फार्मेसी संस्थान (विश्वविद्यालय) जामिया हमदर्द के नए कुलपति (वाईस-चांसलर) नियुक्त किए गए हैं | प्रोफेसर अफसार को कुलाधिपति श्री हामिद अहमद ने कुलपति के रूप में नियुक्त किया है और उन्होंने 19 जून को पदभार ग्रहण कर लिया | जामिया हमदर्द के 9वें वाईस-चांसलर (कुलपति) के रूप में प्रोफेसर अफसार के पदभार ग्रहण करते ही देश और विदेश में बधाईयों एवं शुभकामनाओं का तांता लग गया | लेकिन देश और बिहार के उत्तरपूर्व में स्थित सीमावर्ती किशनगंज ज़िले एवं सीमांचल के लोगों में एक अलग ही ख़ुशी और जोश देखने को मिला | लोग संचार के अलग-अलग माध्यमों से प्रोफेसर अफसार को बधाई दे रहे थे फेसबुक, व्हाट्सएप, ट्विटर आदि पर सैंकड़ों पोस्ट देखने को मिले | अलग - अलग उम्र एवं श्रेणी के लोग प्रोफेसर अफसार को बधाई दे रहे थे ऐसा लग रहा था किसी का भाई या किसी का बेटा या फिर कोई अपना खास  जामिया हमदर्द  जैसे प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय का कुलपति बना हो | बेशक प्रोफेसर अफसार आलम की उपलब्धि सराहनीय है लेकिन उनकी यहाँ पहुँचने की मंज़िल फूलों के सेज़ की तरह नहीं रहा है | उन्होंने वाईस-चांसलर जैसे प्रतिष्ठित ओहदे पर पहुँचने के लिए काफी मेहनत की है और एक शिक्षाविद (एकेडमीशियन) के रूप में दर्ज़नों उपलब्धियां हासिल की है | उन्हें 25 वर्ष का लंबा अकादमिक एवं शिक्षण का अनुभव रहा है और उन्हें प्राध्यापक के साथ - साथ विवि में कई प्रशासनिक पदों पर कार्य करने का अनुभव है | 






प्रोफेसर अफसार आलम के कुलपति तक के  सफर पर नज़र 

एमसीए - अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी
पीएचडी - जामिया मिल्लिया इस्लामिया 
वर्तमान में : प्रोफेसर एवं डीन - स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड साइंस एवं टेक्नोलॉजी, जामिया हमदर्द 
कुलपति जामिया हमदर्द (19 जून 2021 से)


अकादमिक करियर
उनके शोध क्षेत्रों में सॉफ्टवेयर री-इंजीनियरिंग, डेटा माइनिंग, बायो-इन्फॉर्मेटिक्स, फ़ज़ी डेटाबेस और सस्टेनेबल डेवलपमेंट आदि शामिल हैं। वह जामिया हमदर्द में यूनिवर्सिटी कंप्यूटर सेंटर और कंप्यूटर वाइड नेटवर्किंग के संस्थापक सदस्य हैं। शिक्षण और अनुसंधान में अपने 25 वर्षों के अनुभव में, उन्हें संयुक्त अरब अमीरात, नेपाल, सीरिया, यमन, ईरान, सऊदी अरब, सिंगापुर, मलेशिया, चीन गणराज्य सहित दुनिया भर के कई देशों में  विशेष व्याख्यान, पूर्ण वार्ता देने के लिए और  सम्मेलनों में मुख्य वक्ता के रूप में  आमंत्रित किया गया है |  उन्होंने 10 पुस्तकें लिखी हैं और प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में 160 से अधिक शोध पत्र उनके नाम हैं। उन्होंने बी, टेक, एम, टेक, एमसीए, बीसीए और एमबीए (स्वास्थ्य सूचना विज्ञान) पाठ्यक्रमों के लिए पाठ्यक्रम और उपनियमों का भी प्रारूप तैयार किया है। वह विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC), अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE), राष्ट्रीय मूल्यांकन और प्रत्यायन परिषद (NAAC), विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (DST) सहित कई सरकारी निकायों के सदस्य भी हैं। 

पुरस्कार / सम्मान 
एक शिक्षाविद और शोधकर्ता के रूप में अपने शानदार करियर में, उन्हें भारत समाज रत्न पुरस्कार, शिक्षा में उत्कृष्टता के लिए एएमपी पुरस्कार, सहकारी नागरिक पुरस्कार, विश्व पर्यावरण दिवस पुरस्कार और स्पर्धा श्री पुरस्कार जैसे कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। वह राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दोनों स्तरों पर विभिन्न बोर्डों/परिषदों आदि के सदस्य हैं। उन्होंने 30 से अधिक डॉक्टरेट छात्रों का पर्यवेक्षण किया है और 200 से अधिक स्नातकोत्तर अनुसंधान परियोजनाओं का मार्गदर्शन किया है। उन्होंने हैड्रामाउंट यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी, यमन में कंप्यूटर साइंस के विजिटिंग प्रोफेसर के रूप में भी काम किया। वे कई प्रतिष्ठित राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पत्रिकाओं के संपादक-इन-चीफ, संपादकीय बोर्ड के सदस्य और समीक्षक भी थे। उन्हें यूजीसी-नेट जैसी कई राष्ट्रीय स्तर की परीक्षाओं के परीक्षक के रूप में भी नियुक्त किया गया है। वह भारतवर्ष के विभिन्न संस्थानों और विश्वविद्यालयों में संकाय सदस्यों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की नियुक्ति के लिए कई चयन समितियों के सदस्य रहे हैं। उन्हें देश भर के विभिन्न विश्वविद्यालयों जैसे (अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय, जामिया मिलिया इस्लामिया, दिल्ली विश्वविद्यालय, कालीकट विश्वविद्यालय, इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय और मणिपाल विश्वविद्यालय) में सैद्धांतिक और व्यावहारिक परीक्षाओं के लिए एक बाहरी परीक्षक के रूप में योगदान दिया है | 
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AboutMd Mudassir Alam

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7 comments:

  1. Many many congratulations to Prof. Afshar sahab.

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  2. Heartiest congratulations for this great achievement.

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  3. Great achievement. Many many congratulations to him

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  4. MashaAllah. Congratulations 💐

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  5. Many many congratulations. Aapka likhne ka andaaz bhi khubsurat hai.

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