इंजीनियर आगा अहमद, संस्थापक, अफ़ीफ़ा फाउंडेशन को टेक्नोलॉजिकल इंटरवेंशन मॉडल - टेली कंसल्टेशन के लिए सर्टिफिकेट ऑफ़ मेरिट से गोवा में आयोजित भारत अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव में सम्मानित किया गया। इस महोत्सव का आयोजन भारत सरकार के मिनिस्ट्री ऑफ़ साइंस एंड टेक्नोलॉजी और मिनिस्ट्री ऑफ़ एअर्थ साइंस के साथ विज्ञान भारती (विभा) ने किया था। यह पुरुस्कार डॉ. ऍम. रविचंद्रन, सेक्रेटरी, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के द्वारा नेशनल सोशल ओर्गनइजेशनल एंड इंस्टीटूशनल मीट (यनसोईम) इवेंट के विदाई समारोह में दिया गया। इस कार्यक्रम में एनपी राजीव, एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर (विभा वाणी इंडिया), श्रीमती इंदिरा मूर्ति, जॉइंट सेक्रेटरी (पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ) और डॉ इन्दु पूरी, साइंटिस्ट आफ (विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग) भी उपस्थित थे।

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश और अफ़ीफ़ा फाउंडेशन ने कोविड-19 महामारी के दौरान स्वास्थ्य आसुविधाएं को देखते हुए, टेली-कंसल्टेशन अर्थात टेली मेडिसिन की सुविधाएं 26 अप्रैल 2020 में शुरू की थी। जिस के मध्यम से मरीजों को ऑनलाइन/वर्चुअल जांच किया जाता था। मुख्य तह इस में मानसिक स्वास्थ्य और मनोवैज्ञानिक संकट से बचने के लिए कार्य किया गया था। इस मॉडल के माध्यम से तीन महीने में ही दस हजार से अधिक लोग लाभान्वित हुए।
विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार के माध्यम से लोगों और समाज को प्रेरित करना, सूचित करना और सक्षम करना ही अधिकांश सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को प्राप्त करना है जहाँ अफ़ीफ़ा फाउंडेशन मुख रूप से ध्यान केंद्रित की है। सामाजिक कल्याण के लिए विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार को समाज में ले जाना ही समय की जरुरत है। जिस से सिर्फ सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को प्राप्त करना ही नहीं बल्कि हमारे माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के अभियान आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को भी प्राप्त करना है।
बदलती दुनिया में गरीबी उन्मूलन और समृद्धि को बढ़ावा देने के लिए आफीफा फाउंडेशन लगातार काम कर रही है। विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार के माध्यम से स्वास्थ्य, शिक्षा और जलवायु जैसे विषय पर कार्य कर रही है और अपना विशेष ध्यान बिहार के किशनगंज जिले में दिया है जो के भारत के अल्पसंख्यक केंद्रित जिलों में से एक है, जो सामाजिक-आर्थिक संकेतकों के मामले में काफी पिछड़ा है।

वर्ष 2016 में इंजीनियर आग़ा अहमद ने अफ़ीफ़ा फाउंडेशन की स्थापना किया जिसका मिशन जीवन बचाने, गरीबी को हराने और सामाजिक न्याय प्राप्त करना है ताकि गरीबी दूर हो सके और सभी लोग सम्मान और सुरक्षा के साथ रह सके। अफीफ फाउंडेशन अपने इनोवेशन के लिए जाना जाता है। जिसका सुबूत इसके इम्पैक्ट और रिकग्निशन है। गत वर्ष 2020 में विज्ञान और प्रौद्योगिकी हस्तक्षेप पर उनके अविश्वसनीय कार्य के लिए अफ़ीफ़ा फाउंडेशन के संस्थापक इंजीनियर आग़ा को संयुक्त राष्ट्र ने यूनाइटेड नेशंस जनरल असेंबली और इकनोमिक एंड सोशल कौंसिल में आमत्रण किया जो संयक्त राष्ट्र मुख्यालय नई यॉर्क, अमेरिका में 31 मार्च से 02 अप्रैल 2020 में सम्पन्न हुआ। जब की वर्ष 2020 में ही अफीफा फाउंडेशन और मिडास टच मणिपुर के द्वारा शुरू मॉडल एसटीआई फोरम (साइंस, टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन फोरम) को इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल
2020 के यंग साइंटिस्ट्स कांफ्रेंस में चुना गया। एसटीआई फोरम, ज्ञान साझा करने, अनुसंधान और नवाचार का प्रसार का ऑनलाइन मुक्त स्रोत है। जहां शोधकर्ता और इन्नोवेटर सीख सकते हैं और जहाँ इम्प्लीमेंटिंग एजेंसियां इसे वास्तविक दुनिया में ला सकती है। जून
2020 में अफ़ीफ़ा फाउंडेशन को लंदन से बेस्ट इनोवेटर का अवार्ड मिला, यह अवार्ड वी मेक चेंज लंदन द्वारा, अफ़ीफ़ा फाउंडेशन के प्रोजेक्ट "न्यू एज न्यू कल्चर मिशन डिजिटल इनक्लूजन" के लिए दिया गया था। इस परियोजना में अफ़ीफ़ा फाउंडेशन का लक्ष्य डिजिटल इन्क्लूसिव पर काम करना है ताके डिजिटल डिवाइड को ख़तम किया जा सके। जिस इम्पैक्ट जेंडर इक्वलिटी और सोशल एन्त्रेप्रेंयूर्शिप के रूप में देखा जा सकता है।
द्वितीय भारत अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव 2016 में पहली बार सामाजिक संगठनों को आमंत्रित किया गया था जिस में बिहार राज्य के दो संगठन शामिल थे इन दो सांगठनो में से एक अफ़ीफ़ा फाउंडेशन को चुना गया था। यह कार्यक्रम भी विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय और पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा, विज्ञान भारती (विभा) के सहयोग से वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद - राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला (सीएसआईआर-एनपीएल), नई दिल्ली में आयोजित किया गया था। इस इवेंट के परिणाम सवरूप विभा वाणी इंडिया का स्थापना किया गया। जिस का फाउंडर मेंबर और नेशनल गवर्निंग बॉडी सदस्य के रूप में कार्य कर रही है।