भ्रष्टाचार से लड़ाई के संकल्प को दोहराते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनके मंत्रिमंडलीय सहयोगियों ने सोमवार को अपनी संपत्ति वेबसाइट पर खुलेआम कर दी। मुख्यमंत्री ने खुद व अपने कैबिनेट के सदस्यों की सम्पत्ति को सार्वजनिक करने का वायदा किया था, जिसे निर्धारित समयसीमा के भीतर लगातार दूसरी निभाया गया है। पिछले साल कमोबेश इसी समय मंत्रियों की संपत्ति खुले में आयी थी। एक वर्ष के दौरान लगभग सबकी संपत्ति में कुछ- कुछ इजाफा हुआ है।

मुख्यमंत्री से अधिक संपत्ति उनके पुत्र निशांत के नाम पर है। मुख्यमंत्री के अलावा उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी भी कर्जदार हैं। बिहार सरकार की वेबसाइट पर डाले गये ब्योरे के मुताबिक सबसे धनवान मंत्री पीके शाही (शिक्षा मंत्री) हैं। उनकी इस हैसियत में उनकी पैतृक संपत्ति का बड़ा योगदान है। सबसे कम संपत्ति जनार्दन सिंह सिग्रीवाल (श्रम संसाधन मंत्री) के पास है। चंद्रमोहन राय (लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण मंत्री) के पास भी खूब पैतृक संपत्ति है। कई मंत्री अपनी पत्िनयों से गरीब हैं। मुख्यमंत्री ने तो अपने पुत्र को भी खुली किताब बना डाला। मंत्रियों ने पत्नी और बच्चों के नाम की चल-अचल सम्पत्ति का ब्योरा पेश किया है।