Tuesday 5 February 2013

कोसी बेदारी मोर्चा खगडिया पहुंचा, युवा नेता आदिल ने नितीश को 'छलिया मुख्यमंत्री' कहा!

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 “ कोसी क्षेत्र को विशेष दर्जा देकर इसका विकास किया जाए, क्योंकि जब तक कोसी क्षेत्र का विकास नहीं होगा तब तक बिहार के विकास की बात करना जनता को बेवकूफ बनाने के सिवा कुछ भी नहीं है.” यह बातें कोसी बेदारी मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अहमद अशफाक करीम ने इंडोर स्टेडियम में आयोजित ‘वर्तमान में कोसी : समाज और फिल्म के आईने’ विषय पर होने वाले ‘अंतर्राष्टीय चिंतन कांफ्रेस’ में कहा. आगे उन्होंने पुर्णिया को उप-राजधानी का दर्जा दिए जाने व केन्द्रीय विश्वविद्यालय खोले जाने की भी मांग रखी.

कांग्रेसी लीडर रंजीता रंजन खगड़िया की अवाम को संबोधित करते हुए कहा कि “अब समय आ गया कि कोसी क्षेत्र की जनता बेदार हो और अपने हक़ की मांग इस सरकार के सामने रखे. इस क्षेत्र की बदहाली के लिए कहीं न कहीं हम और आप भी ज़िम्मेदार हैं.”
लोजपा के युवा नेता एडवोकेट आदिल हसन आज़ाद ने कहा कि “नीतिश कुमार से बड़ा ‘छलिया मुख्यमंत्री’ इस बिहार ने नहीं दिया है. नीतिश को अगर वाक़ई बिहार से प्रेम होता तो वो उस समय बिहार के विशेष दर्जा की मांग करते जब केन्द्र में अटल बिहारी भाजपाई की सरकार थी.” आगे उन्होंने कहा कि तेलंगाना के तर्ज पर कोसी की अवाम भी जन-आन्दोलन के लिए तैयार है


इस ‘अंतर्राष्टीय चिंतन कांफ्रेस’ में नेपाल से आए संघाई सदभावना पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता देवेन्द्र प्रसाद यादव ने कहा कि “ कोसी अभिशाप नहीं है, बल्कि एक वरदान है. सच तो यह है कि दो देशों के शासक ने इसे भयभीत कर रखा है. मैं चाहुंगा कि बिहार सरकार इसके उपर पहल करे नेपाल सदा भारत के साथ हैं.”
दिल्ली से आए पत्रकार मआज़ खान ने कहा कि “अरबों रूपये बाहरी सहायता राशि मिलने के बावजूद कोसी में कहीं कोई विकास नहीं दिखता. इसके लिए पूरे तौर पर राज्य सरकार ज़िम्मेदार है. सरकार को चाहिए कि एक विशेष कमिटी का गठन करे और जल्द से जल्द पीड़ितों को राहत पहुंचाए.”
नगर सभापति मनोहर यादव ने कहा कि “बिहार सरकार कोसी वासियों के साथ सौतेला बरताव कर रही है. इसे हम कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे.” आगे ‘अंतर्राष्टीय चिंतन कांफ्रेस’ का शुभारंभ भी मनोहर यादव ने ही रिमोट कंट्रोल से कोसी पर बनी डॉक्यूमेंट्री चलाकर की.
यह कार्यक्रम बुनियाद संस्था की तरफ से आयोजित की गई थी. इस संस्था के संस्थापक शादाब बशर ने अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि ऐसा क्यों हैं कि तमाम सरकारी वादें, विकास की तमाम गाथाएं, बड़े बड़े प्रोजैक्ट कोसी किनारे पहुंचने से पहले ही दम तोड़ देते हैं. हम न सिर्फ प्राकृतिक मार झेलते हैं, बल्कि हमारा सिस्टम, हमारी सरकार, जिसकी पहली जिम्मदारी हमारी सुरक्षा करने और हमें बेहतर जीवन देने की है, वह भी हमसे मुंह मोड़ लेती है. ऐसा क्यों हैं कि कोसी किनारे बसे लोग, अपना घर बार छोड़कर दूसरे प्रदेशों में नौकरियां तलाशने के लिए मजबूर हैं. पिछले पांच साल में कोसी बाढ़ क्षेत्र को विकसित करने के लिए कोई भी उल्लेखनीय प्रयास नहीं किया गया. सरकारी वादें फाइलों में दब कर रह गए हैं, चुनाव के वक्त हमारे गणमान्य नेताजी हमसे कई तरीके का वादा करते हैं, लेकिन जब अमल का वक्त आता है तो हम हर बार नकार दिए जाते हैं.
इस कार्यक्रम में नेपाल के सिंचाई मंत्री भी आने वाले थे लेकिन तकनीकी कारणों से नहीं आ सके. उन्होंने एक पत्र के द्वारा यह संदेश दिया कि उन्हें यह जानकर अत्याधिक प्रसन्नता हुई कि इस प्रकार का आयोजन किया जा रहा है जोकि नेपाल और भारत के संबंध को मधूर बनाएंगे.
इस कार्यक्रम के मीडिया पार्टनर BeyondHeadlines से जुड़े आरटीआई जर्नलिस्ट अफ़रोज़ आलम साहिल ने कहा कि “यह अजीब इत्तेफाक है कि इस शहर खगड़िया के लिए सरकार की कोई योजना नहीं है. यह बातें मैं नहीं, बल्कि खुद यहां के ज़िला अधिकारी साहब कह रहे हैं.BeyondHeadlines कोसी क्षेत्र की लड़ाई अपने पत्रकारिता व आरटीआई के माध्यम से आगे भी लड़ेगी. ”
इस कार्यक्रम में अहम भूमिका निभाने वाले वार्ड पार्षद मो. शहाबुद्दीन ने शुक्रिया अदा करते हुए कि हम खगड़िया वासियों का धन्यवाद करते हैं कि वो इस मुद्दे पर चिंतन के लिए हमारे साथ आए.
इस कार्यक्रम में मो. अंज़र, रज़ी अहमद, मनोज मिश्र, चंद्रशेखर, दिनेश कुमार मिश्रा, रंजीव, निखिल आनन्द, राजेश राज, राज कुमार, अज़हर आदि लोग प्रमुख रूप से शामिल रहे.

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