आम आदमी की लाइफलाइन कही जाने वाली भारतीय रेल का जाल देश के ज्यादातर भागों में फैला है! खुशकिस्मती से बिहार और भारत के उत्तर-पूर्व में स्थित किशनगंज जिले से भी भारतीय रेल गुजरती है! गौरतलब है की भारत के राजनितिक मानचित्र में किशनगंज के स्थान की वजह से इसे "चिकन नेक" यानि मुर्गे की गर्दन भी कहा जाता है! लेकिन बड़े दुःख की बात है की अपने महत्वपूर्ण स्थान के बावजूद किशनगंज को भारतीय रेल से कोई खास तवज्जो नहीं मिली है! यहाँ से देश के अन्य राज्यों में सफर करने वाले यात्रियों की संख्या हज़ारों में हैं लेकिन ट्रेनें नाम मात्र की हैं! देश तो छोड़िये किशनगंज को राजकीय राजधानी पटना से जोड़ने वाली सिर्फ एक मुख्य ट्रैन है जिसे कैपिटल एक्सप्रेस (13245/ 46 & 13247 / 48) कहते हैं!
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Capital Express |
किशनगंज जिले के हज़ारों लोग पटना में रहते हैं जिसमे कॉलेज और कोचिंग में पढ़ने वाले छात्र, सरकारी और गैर-सरकारी ऑफिसों में काम करने वाले लोग, सामान्य यात्रीगण और बेहतर इलाज़ के लिए आने वाले मरीज़ शामिल हैं! लेकिन बड़े ही हैरत की बात है कि इतने लोगों की जरूरतों को पूरा करने के लिए सिर्फ एक ट्रैन चलती है जिसका की विस्तार कटिहार से किशनगंज (न्यू जलपाईगुड़ी) तक पूर्व सांसद तस्लीमुद्दीन के प्रयासों से हुआ था! और बाद में इस ट्रैन का आगे विस्तार कामाख्या (गुवाहाटी) तक कर गया, जिसकी वजह से किशनगंज का कोटा काफी घट गया और अभी तो यह हालत है की इमरजेंसी में आरक्षित टिकट मिलना मुश्किल है! हालाँकि यह ट्रैन किशनगंज वालों के लिए एक मात्र "लाइफलाइन" है लेकिन इसका टाइम-टेबल और स्पीड सबसे बड़ी परेशानी की वजह है! इस ट्रैन को पटना से किशनगंज के बीच करीब 400 किलोमीटर की दुरी तय करने में 12 घंटे लगते हैं यानि की एवरेज स्पीड करीब 35 किलोमीटर प्रति घंटा है! दूसरी परेशानी है इसकी पटना से खुलने की टाइमिंग जो की 10.55 रात्रि है और किशनगंज पहुँचने की टाइमिंग है सुबह 9.45 है! लेकिन यह ट्रैन पटना से किशनगंज पहुचने में औसत तौर पर 2 घंटे देर हो ही जाती है, यानि की 10 बजे सुबह पहुचने वाली ट्रैन कभी 12 बजे दिन और कभी और ज्यादे देर से पहुँचती है! जबकि इसी मार्ग पर चलने वाली नार्थ-ईस्ट एक्सप्रेस को यह दुरी तय करने में सिर्फ 9 घंटे लगते हैं! इसके अलावा पटना से किशनगंज जाने के लिए या किशनगंज से पटना आने के लिए दिन में कोई ट्रैन नहीं है, यानि अगर आप किसी इमरजेंसी में सफर करना चाह रहे हैं तो कोई उपाय नहीं है कैपिटल एक्सप्रेस के अलावा!
बड़े ही अफ़सोस की बात है की किशनगंज जिले के 4 विधायक इसी ट्रैन से पटना से अपने छेत्र का सफर करते हैं लेकिन इस तरफ उनका ध्यान ही नहीं जाता! किशनगंज की आम जनता की परेशानियों को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि यहाँ सब कुछ भगवान भरोसे चल रहा है! चुने हुए नेतागणों का इन बुनियादी जरूरतों की तरफ ध्यान नहीं जाता है, जबकि वादे बड़े-बड़े किये जाते हैं! पड़ोस के ही कटिहार से पटना के लिए इंटरसिटी एक्सप्रेस चलती है जो की दिन में सफर करने वाले यात्रियों के लिए वरदान है, अगर इसी ट्रैन को आगे विस्तार करके किशनगंज तक चलाया जाये तो काफी समस्याओं का हल हो सकता है! वरना ज़रूरत तो इस बात की है की समस्त नेतागण अथक प्रयास करके पटना से किशनगंज के बीच नई ट्रैन चलवायें!