Friday 29 July 2016

नहीं मिला पूर्णिया प्रमंडल के बाढ़ पीड़ितों को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से विशेष पैकेज

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पिछले एक हफ्ते से बाढ़ से बुरी प्रभावित सीमाँचल के इलाकों का मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने हवाई सर्वेक्षण करके गुरुवार (28 जुलाई, 2016) को जायज़ा लिया! लेकिन चार प्रमुख बाढ़ पीड़ित जिलों किशनगंज, कटिहार, अररिया एवं पूर्णिया के सर्वेक्षण के बाद समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने किसी विशेष पैकेज की घोषणा नहीं की जिससे इन इलाकों में रहने वाले लाखों लोगों में मायूसी है! बाढ़ से तबाह व बर्बाद हुए लोगों में जहाँ मुख्यमंत्री के हवाई दौरे को लेकर उम्मीद की किरण जगी थी व गुरुवार देर शाम को धूमिल हो गई! हालाँकि मुख्यमंत्री ने संबंधित अधिकारियों को बाढ़ से हुई क्षति का आकलन करके रिपोर्ट पेश करने को कहा और नियमानुसार क्षति अनुदान देने की घोषणा की है लेकिन इससे पीड़ित लोग संतुष्ट नहीं हैं! लोगों ने कहा की उनका आशियाना तो उजड़ ही चूका है साथ-ही-साथ जान-व-माल का काफी नुकसान हुआ है इसलिए मुख्यमंत्री को विशेष पैकेज की घोषणा के साथ केंद्र सरकार से भी आर्थिक मदद माँगनी चाहिए! 




गुरुवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सीमांचल के बाढ़ प्रभावित चार जिलों में राहत और बचाव कार्यों में और तेजी लाने का निर्देश दिया है। उन्होंने इन चार जिलों के डीएम से कहा है कि बाढ़पीड़ितों को हर संभव मदद की जाएगी, अगले दो दिनों में बाढ़ग्रस्त इलाकों में फंसे अंतिम व्यक्ति तक राहत पहुंचायें। इसके लिए चार जिलों के प्रभारी प्रधान सचिव को अपन -अपने जिले में कैंप कर राहत और बचाव कार्यों की मॉनिर्टेंरग करने को कहा है। मुख्यमंत्री पूर्णिया प्रमंडल के बाढ़ प्रभावित पूर्णिया, किशनगंज और अररिया का हवाई सर्वेक्षण करने के बाद चूनापुर एयरपोर्ट पर अधिकारियों के साथ बैठक में राहत और बचाव कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में बिहार के मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह, आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव व्यासजी, ऊर्जा प्रधान सचिव अमृत प्रत्यय समेत विभिन्न विभागों के प्रधान सचिव और चारों जिलों के डीएम मौजूद थे। इसके आलावा बैठक में किशनगंज के सांसद मौलाना असरारुल हक, धमदाहा की विधायक लेर्सी सिंह भी मौजूद थीं।

इससे पूर्व सवा बजे मुख्यमंत्री चूनापुर हवाई अड्डा पहुंचे और तुरंत हेलीकाप्टर से हवाई सर्वेक्षण के लिए निकल गए। करीब तीन बजे लौटे। भोजन के बाद सवा तीन बजे से अधिकारियों के साथ बैठक की। मुख्यमंत्री ने सूखा राशन के साथ पका-पकाया भोजन भी बाढ़ पीड़ितों को मुहैया कराने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि इसके लिए प्रभावित गांवों में सामूहिक रसोई तैयार कर पका-पकाया भोजन की व्यवस्था करें। कोशिश यह रहे कि कोई भी पीड़ित राशन से वंचित न रहे। मुख्यमंत्री ने बैठक में कटिहार में पिछले दिनों महानंदा तटबंध को काट दिये जाने पर सीएम ने नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि जब जिला प्रशासन को तटबंध के दबाव की जानकारी थी तो पहले से अलर्ट रहना चाहिए था। उन्होंने सभी जिलों के डीएम और एसपी को तटबंधों की सुरक्षा के निर्देश दिए। 

करीब डेढ़ घंटे तक चली बैठक में सीएम ने चारों जिलों की अलग-अलग समीक्षा की और कई आदेश दिए! सीएम ने बाढ़ से हुई गृह क्षति का भी सर्वे कराकर नियमानुसार गृह क्षति अनुदान के भुगतान हेतु कार्रवाई करने का निर्देश दिया। आपदा प्रभावित परिवारों के बीच आपदा राहत अनुदान की राशि वितरण हेतु पीड़ित परिवारों का सर्वेक्षण कराया जा रहा है। सर्वेक्षण के उपरांत आरटीजीएस के माध्यम से पीड़ित व्यक्ति के बैंक खाता में राशि हस्तांतरित की जाएगी। बाढ़ का पानी निकलने के उपरांत अविलंब फसल क्षति का आकलन करने का निर्देश दिया गया। बाढ़ का पानी निकलने के उपरांत बीमारी के प्रकोप की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए स्वास्थ्य तंत्र का अभी से ही हाई एलर्ट कर आवश्यक दवा की उपलब्धत सुनिश्चित करने की व्यवस्था का निर्देश सभी जिलाधिकारी को दिया गया। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पानी निकलने के उपरांत ब्र्लींचग पाउडर का छिड़काव तथा शुद्ध पेयजल की मुकम्मल व्यवस्था सुनिश्चित करने हेतु हेलोजन टेबलेट पर्याप्त संख्या में वितरित करने का निर्देश दिया गया। बाढ़ से क्षतिग्रस्त हुए सड़कों की मरम्मत हेतु जल स्तर घटते ही युद्धस्तर पर कार्य करने का निर्देश सचिव पथ निर्माण विभाग एवं सचिव ग्रामीण कार्य विभाग को दिया गया। बाढ़ राहत सामग्री के र्पैंकग का कार्य स्वच्छ वातावरण में कराने को कहा गया।
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