Wednesday 24 August 2016

नहीं खुलेगा किशनगंज में अभी एम्स (AIIMS) ! आरटीआई (RTI) से खुलासा

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पिछले दिनों किशनगंज में ऑल इण्डिया इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एम्स)  - All India Institute of Medical Sciences (AIIMS) की शाखा को खोलने (स्थापना) को लेकर प्रमुख अख़बारों के हवाले से ख़बर आई थी जिसको लेकर स्थानीय लोगों में काफी उत्साह का माहौल था! विभिन्न सूत्रों के आधार पर छपी ख़बरों में कहा गया था कि ज़िले में बिहार राज्य का दूसरा एम्स खुलवाने के लिए ज़मीन खोजी (चिंहित) की जा रही है! लेकिन आरटीआई के माध्यम से बिहार सरकार के स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार किशनगंज में एम्स का सपना देखरहे लोगों को बड़ी निराशा होने वाली है! सच तो यह है कि किशनगंज या किसी अन्य जिले में एम्स की स्थापना के राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से अब तक कोई अनुशंसा नहीं की है! 




किशनगंजवासी याचिकाकर्ता मो० मुदस्सीर आलम को सुचना के अधिकार (आरटीआई) अधिनियम 2005 के तहत बिहार सरकार के स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक किशनगंज ज़िले में एम्स की स्थापना के लिए न तो केंद्र से कोई निर्देश मिला है और न राज्य सरकार ने इस संबंध में कोई निर्णय लिया है! श्री मुदस्सीर ने कहा की किशनगंज ज़िले में एम्स के खुलने को लेकर यथास्थिति को जानने के लिए स्वास्थ विभाग से आरटीआई अधिनियम के तहत उन्होंने आवश्यक जानकारी माँगी थी! उनके आरटीआई का जवाब बिहार सरकार के स्वास्थ सेवाओं के निदेशक-सह-लोक सूचना पदाधिकारी डॉ० राजेंद्र प्रसाद ने विभाग के मुख्य सचिव श्री आर० के० महाजन द्वारा दिनाँक 03.08.2016 को केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार  के सह-सचिव श्री सुनील शर्मा को लिखे गए पत्र का हवाला देते हुए दिया है! 

पत्र के अनुसार केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार के 10 दिसंबर 2015 को बिहार सरकार को राज्य में एम्स जैसा दूसरा संस्थान खोलने के लिए तीन से चार जगहों को चिंहित करके परामर्श देने के लिए कहा गया था! इस संबंध में क़रीब आठ महीने बाद बिहार सरकार के द्वारा 3 अगस्त को लिखे गए जवाब में स्वास्थ विभाग से आग्रह किया है कि केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार स्वयं ही जगह / जिले का चयन करे! पत्र में आगे लिखा गया है कि केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार के जगह / ज़िले के चयन के अनुसार ही बिहार सरकार दूसरे एम्स की स्थापना के लिए आवश्यक मानदंडों के अनुसार जमीन मुहैया करेगी! आरटीआई के माध्यम से प्राप्त पत्र की प्रति में कहीं भी किशनगंज ज़िले में एम्स जैसे संस्थान की स्थापना का जिक्र नहीं है और न राज्य सरकार ने इसकी अनुशंसा की है! हालाँकि जिला प्रशासन ने स्थानीय राजनेताओं के साथ डेरामारी के करीब जमीन चिन्हित करके इसकी अनुशंसा राज्य सरकार से कुछ महीने पहले किया था! लेकिन आरटीआई से प्राप्त तथ्यों के आधार पर यह निष्कर्ष निकलता है की किशनगंज में एम्स का खुलना अभी तय नहीं है! 

गौरतलब हो कि किशनगंज की तरह बिहार में दूसरे जिलों में भी एम्स की स्थापना को लेकर स्थानीय लोगों एवं राजनेताओं ने समय-समय पर माँग रखी है जिसमें भागलपुर, पूर्णिया, दरभंगा आदि भी शामिल हैं! लेकिन बिहार के सीमावर्ती इलाके में स्तिथ किशनगंज जिले में स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं एवं तरह-तरह की बिमारियों से स्थानीय लोगों को काफी दिकत्तों का सामना कर रहे हैं! वहीँ अच्छे डॉक्टरों एवं अस्पतालों के अभाव में लोगों की जान भी चली जाती है! एम्स जैसे संस्थान की स्थापना की खबर के बाद स्थानीय लोगों में काफी उम्मीदें जगी थी और उनमें उत्साह भी था कि इलाज के लिए उन्हें बड़े शहरों जैसे पटना, दिल्ली आदि का सफर नहीं करना होगा! लेकिन आरटीआई से प्राप्त जानकारी से लोगों को काफी निराशा होगी क्योंकि फ़िलहाल एम्स खुलने का रास्ता काफी कठिन लग रहा है! किशनगंज और सीमांचल के लोगों की आर्थिक स्तिथि और कठिनाईओं को ध्यान में रखकर बिहार सरकार को चाहिए की केंद्र सरकार से परस्पर वार्तालाप करके इस जिले में भारत के सर्वश्रेष्ठ अस्पताल को स्थापित करने की अनुशंसा करे जिसकी काफी आवश्यकता है! 

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