Sunday 11 October 2020

सऊद असरार सिर्फ वंशवाद राजनीति की नई कड़ी या ठाकुरगंज के लिए नई उम्मीद ?

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#Saud Asrar Nadwi, son of former Kishanganj MP Late Asrarul Haque Qasmi has been given ticket by Rashtriya Janta Dal (RJD). Tejeshwi Yadav, son of veteran politician given ticket to Saud Asrar Nadwi at Patna on Friday, 09th October, 2020. Bihar Politics especially Thakurganj (Kishanganj) got a new U-turn with entry of Saud Asrar..


दो दिन पहले तक ठाकुरगंज विधानसभा से 3 या 4 उम्मीदवार ही चर्चा का विषय थे, लेकिन शुक्रवार (9 अक्टूबर 2020) को सऊद असरार नदवी को आरजेडी (राष्ट्रीय जनता दल) ने अपना उम्मीदवार घोषित किया | भूतपूर्व सांसद स्वर्गीय मौलाना असरारुल हक़ क़ासमी के बेटे सऊद असरार नदवी को ठाकुरगंज विधानसभा से टिकट मिलते ही सियासी गलियारों में काफी उथल-पुथल का माहौल बन गया | अभी तक मतदाताओं एवं सियासी दिलचस्पी रखने वाले लोगों में वर्तमान विधायक नौशाद आलम एवं अन्य पार्टियों के भावी प्रत्याशियों को लेकर ही चुनावी समीकरणों का क़यास लगाया जा रहा था जो सऊद असरार नदवी के आने से और ज़्यादा दिलचस्प हो गया है | अगर आज की बात करें तो ठाकुरगंज विधानसभा से जनता दल (यूनाइटेड) एवं राष्ट्रीय जनता दाल के सऊद असरार नदवी के बीच ही लड़ाई है, क्यूंकि दूसरी पार्टियों ने अपने उम्मीदवारों की घोषणा नहीं ही है | सऊद असरार नदवी के सीधे राष्ट्रीय जनता दल पार्टी का हाथ थाम कर चुनावी राजनीति में प्रवेश करना एक आश्चर्यचकित करने वाली घटना है और इससे एक नया डिबेट (वाद - विवाद) भी छिड़ गया है | 




क्यूँकि सऊद असरार नदवी मरहूम मौलाना क़ासमी साहब के बेटे हैं इसलिए उनपर वंशवाद का लेबल लगना स्वभाविक है और उम्मीद यह थी कि कांग्रेस पार्टी उनको उत्तराधिकारी के तौर पर आगे टिकट देगी | दिलचस्प बात ये है कि सऊद असरार नदवी को चुनावी सिंबल भी वंशवाद राजनीती के बड़े सिबल लालू प्रसाद प्रसाद यादव के बेटे तेजस्वी यादव ने दिया है | खैर राजनीति में वंशवाद के बहस का विषय हमेशा रहा है और वंशवाद हर छेत्र में रहा है जिसपर लंबी बहस हो सकती हो सकती है | लेकिन वंशवाद से ज़्यादा मुझे  ज़्यादा दिलचस्पी सऊद असरार नदवी की उम्मीदवारी और ठाकुरगंज (किशनगंज) छेत्र की जनता की अपने विधायक से जुडी उम्मीदों से हैं | ये सबको पता है कि मरहूम मौलाना असरारुल हक़ कासमी एक अज़ीम शख्सियत  थे और वे अपनी सलाहियतों के तौर पर सिर्फ किशनगंज ही नहीं बल्कि पुरे बिहार व दूसरी रियासतों में जाने जाते थे | उनकी  शख्सियत में एक अच्छे इंसान, राजनीति और सामाजिकता का एक बेहतरीन मेल था जिससे वे काफी मक़बूल भी थे | सऊद असरार नदवी राजनीती में नए हैं इसलिए उनके सामने मौलाना असरारुल हक़ कासमी साहब की  शख्सियत की बहुत बड़ा चैलेंज (चुनौती) है | ठाकुरगंज विधानसभा के लोग ये उम्मीद करेंगे की उनको मौलाना के साहबज़ादे में वे गुण दिखे और ये मुमकिन भी है कि सऊद कासमी अपने मरहूम वालिद के बरअक्स हों | जहाँ तक मैंने मौलाना असरारुल हक़ कासमी साहब को करीब दे देखा है खासकर उनके सांसद बनने के बाद ज़्यादातर मुलाक़ातों में सऊद असरार नदवी उनके साथ - साथ दिखें है | इसलिए ये उम्मीद की जा सकती है कि सऊद असरार नदवी ने अपने वालिद से राजनीति के गुड़ ज़रूर सीखे होंगे | 

सऊद असरार नदवी अपने वालिद की छवि को बरकरार रखने के लिए पूरी कोशिश करेंगे और अपने वालिद के साथ राजनितिक गलियारों में बिताये गए पलों को संजो कर आगे बढ़ेंगे और ऐसा मुमकिन भी है | वहीँ ठाकुरगंज की जनता कि बात करें तो उनके सामने भी उधेरबुन की हालत है, एक तरफ वर्तमान विधायक नौशाद आलम और दूसरे तरफ हरदिल अज़ीज़ भूतपूर्व सांसद के पुत्र सऊद असरार नदवी | वाकई ठाकुरगंज विधानसभा का चुनावी समीकरण काफी दिलचस्प हो गया है और इसी हफ्ते दूसरी पार्टियों के उम्मीदवारों की घोषणा होने से समीकरण और बदल जायेंगे | ऐसे में सऊद असरार नदवी को अपनी लोकप्रियता बनाए रखना एक बड़ी चुनौती होगी और ये देखना दिलचस्प होगा की वे अपने वंशवाद के आलोचनाओं से ऊपर उठकर वे वालिद साहब को लोकप्रियता को प्राप्त कर पाते हैं या नहीं ?
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AboutMd Mudassir Alam

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