Tuesday 17 July 2012

किशनगंज के सीमावर्ती प्रखंड बाढ़ की चपेट में! जीवन अस्त-व्यस्त, प्रशासन का मदद से इंकार

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नेपाल व बंगाल में भारी बारिश से महानंदा व सहायक नदियां उफना गई है। इसकी वजह से जिले के दर्जनों गांवों में बाढ़ का पानी घुसने से 50 हजार की आबादी संकट में है। गांवों को जोड़ने वाली सड़कों के अलावा डांगी बस्ती के समीप स्टेट हाइवे 63 पर भी पानी कातेज बहाव हो रहा है। बाढ़ प्रभावित इलाकों में सरकारी विद्यालय बंद कर दिए गए हैं और लोग सुरक्षित स्थान की ओर अपना रुख करने लगे हैं। जानकारी के मुताबिक महानंदा का पानी खतरे के निशान को पार कर गया है। वहीं उसकी सहायक नदियां चेंगा नदी, कनकई, पवना, मैंची के जलस्तर भी वृद्धि दर्ज की गई है।


ठाकुरगंज के बाढ़ प्रभावित इलाकों में निरीक्षण करने पहुंचे सीओ मनोज वर्णवाल ने साफ तौर पर कहा कि 72 घंटे तक बाढ़ से घिरे रहने के बाद ही प्रशासनिक मदद दी जाएगी। यानी लोगों की परेशानी अगले दो दिनों तक दूर नहीं हो पाएगी। अगर सरकारी सहायता लेनी है तो 72 घंटे तक मौत से लड़ना होगा। यह अजीबोगरीब एलान ठाकुरगंज के सीओ मनोज कुमार वर्णवाल का है। सोमवार को ठाकुरगंज के प्रभावित इलाकों के निरीक्षण को पहुंचे सीओ से जब संवाददाता ने पूछा कि बाढ़ पीड़ित के लिए राहत के क्या उपाय होंगे तो उन्होंने तपाक से कहा कि 72 घंटे तक बाढ़ से घिरे रहने के बाद ही सरकारी राहत मिलेगा। सीओ श्री वर्णवाल के इस अजीबोगरीब एलान से बाढ़ पीड़ितों की जान निकल सकती है। इस संबंध में पूछने पर एडीएम आपदा शत्रुध्न कुमार चौधरी ने कहा कि सीओ को नहीं मालूम होगा इसलिए वह ऐसा बोल गया। उन्होंने कहा कि जल्द ही बाढ़ पीड़ित इलाकों में राहत वितरण काम शुरु कर दिया जाएगा।



हां इतना जरुर है कि ठाकुरगंज बाजार पूजा समिति, प्रखंड प्रमुख अजमीरा खातून ने अपने स्तर से दो सौ पैकेट मुढ़ी, गुड़, मोमबत्ती, दियासलाई देकर बाढ़ पीड़ितों को थोड़ी बहुत राहत जरुर पहुंचाई है। स्थिति की भयावहता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि माणिकपुर गांव के समीप सड़क पर तेज धारा के साथ नदी के हो रहे बहाव के कारण लोगों के आवागमन पर भी संकट उत्पन्न हो गया है। स्थिति यह है कि करीब दो सौ मीटर तक सड़क दिखाई ही नहीं देता है। लोग अंदाज पर सड़क पार करते हैं। प्राप्त जानकारी अनुसार आने वाले दिनों में स्थिति और भयावह होने की संभावना है। प्रखंड प्रमुख अजमीरा खातून ने जिला प्रशासन से लोगों को शीघ्र राहत देने की मांग की है ताकि इस दुख की घड़ी में लोगों के दर्द थोड़ी बहुत कम किए जा सके।

बहादुरगंज प्रखंड के लौचा पंचायत में कनकई नदी कहर बरपा रही है। नेपाल की तराई में जारी भारी वर्षा के कारण कनकई नदी के जलस्तर में तेजी से वृद्धि होने के परिणाम स्वरुप पंचायत के नाजीम टोला, चंदर गांव, बैरगाछ़ी गांवों में पानी घुसने से लोगों की परेशानी बढ़ गई है। वहीं महेशबथना पंचायत के लोग भी बाढ़ की आहट से भयभीत हो सुरक्षित स्थान पर जाने की तैयारी में हैं। लौचा पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि मंसूर आलम ने बताया कि गांवों में नदी का पानी प्रवेश करने की सूचना बीडीओ व सीओ को दे दी गई है। इतना ही नहीं कनकई नदी के जलस्तर में बेतहाशा वृद्धि के कारण लौचा घाट पर नाव परिचालन रोक दिया गया है।

गाछपाड़ा पंचायत के कई गांवों में बाढ़ के कहर से जूझ रहे लोगों को राहत की व्यवस्था करने की मांग समिति प्रतिनिधि नूर मोहम्मद व वार्ड सदस्य मो. हसनैन ने प्रशासन से की है। समिति प्रतिनिधि नूर मोहम्मद ने बताया कि अहावाकोल, खाड़ी बस्ती, बैहरा कोलहा, टेंगरमारी, छोटा सालकी में महानंदा के पानी प्रवेश करने से स्थिति भयावह होती जा रही है। अगर शीघ्र कदम नहीं उठाया गया तो लोगों की परेशानी बढ़ जाएगी। उन्होंने जिला प्रशासन शीघ्र राहत वितरण की मांग की है।
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