Saturday 8 March 2014

बिहार में सभी कांग्रेसी विधायक जदयू (जनता दल यूनाइटेड) में जाने कौ तैयार (नौकरशाही डॉट इन)

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Source: नौकरशाही डॉट इन (www.naukarshahi.in)

Disclaimer:  यह खबर नौकरशाही डॉट इन में प्रकाशित हुई है, इसकी विश्वश्नियता के लिए किशनगंजबिहार डॉट कॉम के सम्पादक जिम्मेवार  नहीं हैं!

नौकरशाही डॉट इन को अंदरुनी हलके से पता चला है कि बिहार कांग्रेस के तमाम विधायक जद यू में शामिल होने पर सहमत हो गये हैं इस तरह कांग्रेस विधायक दल का वजूद समाप्त हो जायेगा.भले ही जद यू राष्ट्रीय जनता दल के विधायकों को तोड़ने में कामयाब नहीं हो सका लेकिन अब ये बात लगभग तय हो गयी है कि वह कांग्रेस विधायक दल को तोड़ने के बजाय पूरे विधायक दल को ही जनता दल यू में विलय कर लेगा. खबर है कि इसके लिए डील लगभग तय हो चुकी है. अब महज औपचारिकता पूरी होनी है. कांग्रेस के बिहार विधानसभा में चार विधायक हैं. ये हैं डा. मोहम्मद जावेद, सदानंद सिंह, तौसीफ आलम और आफाक आलम.

Dr. Md Jawaid in Bihar Assembly

कांग्रेस के एक बड़े नेता ने नौकरशाही डॉट इन से इस बात की पुष्टि की है कि पार्टी के चारों के चारों विधायक इस बात पर सहमत हो गये हैं. कहा जा रहा है कि जद यू की तरफ से कांग्रेस के नेताओं से विजय चौधरी की कई दौर की बात हो चुकी है.
कांग्रेस विधायकों के पार्टी छोड़ना, वह भी तब जब लोकसभा चुनावों का बिगुल बज चुका है, यह एक आत्मघाती साबित हो सकता है. उधर कांग्रेस के वरिष्ठ और लोआयल समझे जाने वाले नेता प्रेमचंद्र मिश्रा ने अपने फेसबुक अकाउंट से सुबह साढ़े आठ बजे स्टेटस में लिखा है कि मिथिलांचल में कांग्रेस डीप ट्रबुल में है. उन्होंने लिखा है कि मिथिलांचल में मुस्लिम और मैथिली को कंडिडेट बनाना चाहिए थे.
मौहमम्मद जावेद
मौहमम्मद जावेद
क्या हुई है डील
हालांकि अभी तक जदयू और कांग्रेस के चार विधायकों के साथ क्या डील हुई इस पर कोई नेता खुल कर नहीं बोल रहे हैं लेकिन समझा जाता है कि कांग्रस के विधायक सदानंद सिंह को कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया जाने वाला है, वहीं किशनगंज से कांग्रेस विधायक डा. मोहमम्मद जावेद को किशनगंज लोकसभा से चुनाव लड़वाने का ऑफर दिया गया है. इसी तौसीफ और आफाक में से किसी एक को भी मंत्री बनाया जा सकता है.
मालूम हो कि कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व ने किशनगंज के विधायक और पूर्व मंत्री जावेद को किशनगंज से टिकट देने का आश्वासन देकर उनके साथ धोखा कर दिया और अंतिम समय में वहां से असरारुल हक को उम्मीदवार बना दिया गया. जावेद का नसिर्फ किशनगंज बल्कि पूर्वांचल में मजबूत प्रभाव माना जाता है.
इधर कांग्रेस के चार में से तीन मुस्लिम विधायकों की नाराजगी इसलिए भई बतायी जाती है कि कांग्रेस को लोकसभा में राजद के साथ समझौते के बाद 12 सीटें मिली हैं लेकिन इनमें से मात्र एक मुस्लिम को टिकट दिया गया है. एक मुस्लिम नेता ने नाम नहीं बताने की शर्त पर कहा कि कांग्रेस मुस्लिम हितैषी होना स्वांग तो रचती है लेकिन नेतृत्व और प्रतिनिधित्व देने के मामले में वह मुसलमानों को नकार देती है जिसका खामयाजा कांग्रेस को इस लोकसभा चुनाव में उठाना पड़ेगा.
दूसरी तरफ नीतीश कुमार ने कांग्रेस के तीन मुस्लिम विधायकों को तोड़ कर मुस्लिम वोटों को थोक के भाव में अपनी तरफ खीचने की रणनीति बनायी है, इसका असर मुस्लिम बहुलता वाले पूर्वांचल में देखने को मिल सकता है.
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