Wednesday 14 October 2015

किशनगंज चुनावी प्रयोगशाला से चुनावी अखाड़ा तक! डॉ० मुमताज़ नैयर

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डिस्क्लेमर:- यह लेखक के अपने विचार हैं!

बिहार में पहले चरण का चुनाव  12 अक्टूबर 2015 को संपन्न हो गया, और 49 सीटों के लिए उम्मीदवारों का भविष्य बैलट बॉक्स में क़ैद हो गया, इसी चुनावी उथल पुथल से मेरा गृह जिला किशनगंज भी गुज़र रहा है, जहाँ आखिरी चरण ५ नवंबर को मतदान होगा. नेता और उसके समर्थक खासे उत्साह में नज़र आ रहे हैं, सबका अपनी डफली और अपना राग है...कोई पुरे क़ौम का ठीका ले रखा है तो कोई विकास का सारा श्रेय...



किशनगंज हमेशा से चुनावी प्रयोगशाला बनता रहा है, और इस बार के चुनाव में भी एक नया प्रयोग होने जा रहा है, यह प्रयोग कितना सफल होगा, यह 8 नवंबर 2015 को है पता चल पायेगा..फिलहाल किशनगंज एक चुनावी अखाड़ा बन गया है, ऐसा नहीं है की यहाँ चुनाव पहले नहीं हुए, परन्तु पहले के चुनाव में और अब के चुनाव में बहुत अंतर है, पहले चुनाव प्रचार का माध्यम अलग हुआ करता था, अब इसमें सोशल मीडिया जुड़ गया है..बहरहाल जिस तरह से सोशल मीडिया में कुछ नेता और उनके समर्थक व्यवहार कर रहे हैं वो काफी निंदनीय है...चूँकि ज़्यादातर नेता सोशल मीडिया से जुड़े हैं तो उनको उनके समर्थक के व्यवहार के बारे में भी जानकारी होगी...पर अफ्शोश कि आजतक किसी नेता का उसके करीबी का कोई  मैसेज या स्टेटस मैसेज नहीं पढ़ा जिसमें आपसी सौहार्द पर उन्होंने कोई चर्चा की हो...तो इससे साफ़ जाहिर है की यह सब कुछ नेता लोगों के इशारे पर हो रहा है...

किशनगंज हमेशा से आपसी सौहार्द और भाई चारे के लिए जाना जाता है, हम इसकी मिसाल पुरे विश्व में देते हैं...मुझे मेरे कुछ मित्रों ने मैसेज करके कहा की लोग धमकी और उनके इनबॉक्स में गाली तक लिख रहे हैं...क्यूंकि वो उनके नेता को खुल कर समर्थन नहीं कर रहे हैं...हाल ही में मेरे मित्र मुदस्सिर आलम ने एक बहुत अच्छा विश्लेषण लिखा कोचाधामन विधान सभा के बारे मेंशीर्षक था, “कोचाधामन का विधायक कौन?”...उनका विशेलषण काफी दिलचस्प था, और बतौर एक पत्रकार के रूप में उन्होंने बगैर पक्ष लिए हुए  अपनी राय पेश की...शायद आजके दौर में ईमानदारी से किसी चीज़ को पेश करना पाप करने जैसा है या फिर कहें हमारे नेता लोगों ने ऐसा माहौल बना दिया है ...कुछ लोगों ने यहाँ तक कह दिया  कि मुदस्सिर ने अपना कलम बेच दिया है, और नितीश कुमार का नमक हलाली कर रहा है(सच तो यह है कि मुदस्सिर न ही बिहार सरकार के लिए काम कर रहा है और न ही किसी मीडिया हाउस के लिए)...कुछ लोगों ने यह भी कहा कि वो असादुद्दीन ओवैसी और अख्तरुल ईमान को समर्थन कर रहा है ..एक खूबसूरत विश्लेषण को लोगों ने अपने अपने हिसाब से लोगों के सामने पेश कर दिया...कुछ ब्लॉग्स मैंने भी लिखें हैं...उससे मुझे भी अंदाज़ा है कि बगैर पक्ष लिए लिखना कितना मुश्किल है और उसके लिए मुदस्सिर को कितनी मेहनत करनी पड़ी होगी, में समझ सकता हूँ ....जो लोग मेरा इस लेख को पढ़ रहे होंगे खासकर पत्रकार लोग, उनसे यह कहना चाहूंगा कि किसी कि तारीफ़ में लिखना या फिर निंदा करना दोनों आसान काम है, अगर मुश्किल है तो निस्पक्ष होकर लिखना...विश्वास नहीं हो रहा है तो लिख कर देखो....

अब आते हैं वापिस किशनगंज, जहाँ चार विधान सभा की सीटें हैं ..पर सारा ध्यान कोचाधामन विधान सभा पर चला गया है...सबसे ज़्यादा गाली भी यहाँ के नेता लोगों के समर्थक ही सोशल मीडिया में दे रहे हैं...जो कि निंदनीय है...हम इस गाली गलौच के बीच नेता से उनके पिछले कामों का हिसाब भी नहीं पूछ पा रहे हैं...शायद यह उनकी सोची समझी रणनीति हो... अच्छा तो यह होता कि हम उनसे पूछ पाते कि आपको मौका मिला था तो आपने क्या किया...कितना हासिल किया और कितना रह गया..कहाँ कमी हुई, क्या हमारे समर्थन में कमी थी, या आपकी कोशिश में...या फिर सरकार ने हमें अनदेखा कर दिया....और अगर सरकार ने हमें अनदेखा कर दिया तो क्यों किया...आगे आपकी रणनीति क्या होगी? क्या हम किशनगंज का भविष्य नए उम्मीदवारों में तलाश करें...क्या नए उम्मीदवार हमारे लिए बेहतर काम कर सकते हैं, जिससे हमारे आने वाली  पीढ़ी या फिर वर्तमान में जो हैं उनका आने वाला कल अच्छा हो...शायद यह सब सवाल नेता लोगों के लिए असुविधाजनक हो और वो इस बात को बखूबी जान भी रहे हों की उनके पास इन सवालों का कोई जवाब नहीं है...

अगर आपके पास उपरोक्त सवालों के जवाब नहीं तो कोई बात नहीं, हमें इसका गम नहीं है, शायद समय के साथ हम इसका हल ढूंढ लेंगे, पर आपसे विनती है की आप हमारा आपसी भाई चारा खतम न करे..में इस लेख को इसलिए लिख रहा हूँ की उस मिटटी से मुझे बेहद मुहब्बत है जिसको आप चुनावी अखाड़ा से ज़्यादा कुछ नहीं समझ रहे हैं...

जाते जाते युवाओं से मेरी विनती है कि आप किसी के बहकावे में ना आएं..गाली गलौच से बचें..एक सुन्दर भविश्व कि तैयारी में लग जाएं..चुनाव तो आते जाते रहेंगे..पर हो सकता है आप जिसके लिए आज अपना रिश्ता दूसरों से या अपने भाई बंधुओं से ख़राब कर रहे हैं, कल वो आपके लिए महंगा साबित हो...आप ही किशनगंज कि तक़दीर हो, जैसे चाहो लिख लो....

आपका अपना,
डॉ. मुमताज़ नैयर,

सोउथेम्पटन, इंग्लैंड
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